भारत में राजनीति किसी दलदल से कम नहीं है. इसमें एक बार जो फंसता है वह फंसा ही रह जाता है. राजनीति की गंदी गलियों में शराब और शवाब का अपना ही महत्व होता है. आज राजनीति एक पैशन हो गया है जिसमें लोग सिर्फ मौज-मस्ती के लिए जाते हैं. नेताजी के आगे पीछे घूमो और उनकी नजर में हीरो बनो. हीरो बनते ही नेताजी कहीं से कोई टिकट दिलवा देंगे. इस आस में कितने ही लोग चेले बन जाते हैं तो युवतियां भी अपने सामर्थ्य के हिसाब से इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दिखाना चाहती हैं.
आज राजनीति में युवतियां “शॉटकर्ट” के लिए अपने जिस्म का इस्तेमाल करने से भी पीछे नहीं हटतीं. भारतीय नेताओं की एक सबसे अहम कमजोरी में से एक है हसीनाएं. वैसे हसीनाओं के जादू से तो विश्व के अन्य देशों की राजनीतिज्ञ भी अभीभूत हैं लेकिन भारत में यह थोड़ा ज्यादा ही है. पहले भी कई केसों में नेताओं को कॉलगर्ल्स के साथ या साथी महिला नेताओं के साथ रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ा जा चुका है. हाल ही में भंवरी देवी के सेक्स वीडियो से यह बात साफ हो गई कि राजस्थान में भी ऐसे दिलफेंक और ऐय्याश नेता हैं. राजस्थान के नेता मदरेणा के भंवरी देवी से बेहद निजी संबंध थे पर दोनों की नजदीकियों का भुगतान चुकाना पड़ा भंवरी देवी को जो आजकल लापता हैं. यह पहला मौका नहीं है जब सियासत में आशिकी और ऐय्याशी सरेआम सामने आई है और इसमें महिलाओं को भुगतना पड़ा है. इससे पहले भी कई बार भारतीय सियासत अपनी रंगीनमिजाजी और ऐय्याशी के लिए बदनाम रह चुकी है.
जम्मू-कश्मीर सेक्स स्कैंडल
जम्मू व कश्मीर के युवा मुख्यमंत्री उमर अब्दुला भी सेक्स स्कैंडल में फंस चुके हैं. ज्ञात हो कि 2006 में एक सेक्स स्कैंडल बहुत चर्चा में आया था जिसमें एक आरोपी महिला सबीना ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य के आला नेताओं को निशाना बनाया था. उसका आरोप था कि शहर की कई लड़कियों को नेताओं और सरकारी अफसरों के आगे जिस्म की नुमाइश और देह व्यापार के लिए परोसा गया था. कहा तो यह भी जा रहा था कि 2006 में हुए सेक्स स्कैंडल में सीबीआई की लिस्ट में उमर अब्दुला का भी नाम है. इस स्कैंडल ने जम्मू और कश्मीर की राजनीति में तूफान ला दिया था.
नारायण दत्त तिवारी
भारतीय राजनीति में नारायण दत्त तिवारी कभी एक ताकतवर शख्सियत हुआ करते थे लेकिन उनके रंगीन मिजाज ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा. साल 2009 में कई न्यूज चैनलों पर एक वीडियो क्लिपिंग दिखलाई जा रही थी जिसमें नारायण दत्त तिवारी तीन महिलाओं के साथ बेहद निजी क्षण बिता रहे थे. जिस समय यह वीडियो आया उस समय नारायण तिवारी आंध्र प्रदेश के गर्वनर थे. यह वीडियो क्लिप मुश्किल से 50 मिनट चली होगी, लेकिन इतने मात्र से नारायण दत्त तिवारी के 50 वर्ष से अधिक के राजनीतिक जीवन का एक झटके में अंत हो गया. हालांकि यह कोई नई बात नहीं थी. जब वह उत्तराखंड के सीएम थे तब भी वह बहुत रंगीन-मिजाज हुआ करते थे. तिवारी का नाम कई महिलाओं के साथ जुड़ा.
राजमोहन उन्नीथन की रंगरेलियां
केरल में जब पुलिस ने एक घर पर छापा मारा, तो वह यह देखकर दंग रह गई कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजमोहन उन्नीथन किसी महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में रंगलेलियां मना रहे हैं. हालांकि ऐसे ही एक केस में भाजपा के संजय जोशी भी फंस चुके हैं. 2005 में उनकी एक अति विवादित सीडी सामने आई थी जिसमें वह एक युवती के साथ प्रेम-क्रीड़ा में मगन थे.
अमरमणि के जाल में मधुमिता
2003 में भारतीय राजनीति में उस समय तूफान आ गया था जब कवियित्री मधुमिता की हत्या के आरोप में तत्कालीन सरकार के मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का नाम सामने आया. खुलासा हुआ कि मधुमिता गर्भवती थी और उसके संबंध अमरमणि त्रिपाठी से थे. मधुमिता अमरमणि त्रिपाठी से संबंधों के कारण गर्भवती हो गई थी. लेकिन अमरमणि नहीं चाहते थे कि वह मां बने. मधुमिता अपनी जिद पर अड़ी थी और अंत में उसे रास्ते में हटाने के लिए गोली मार दी गई.
यह तो वह चेहरा है जो कभी-कभार गलती से सामने आ जाता है. ऐसे कई केस हैं जो कभी सामने ही नहीं आ पाते. कई तो राजनीति की गंदगी में खो जाती हैं तो कुछ का कोई पता ही नहीं चलता. कुछ समय पहले कांग्रेस के सबसे चर्चित नेता राहुल गांधी पर भी सुकन्या देवी का बलात्कार और उसके परिवार को गायब करने का आरोप लगा था.
राजनीति में और भी कई ऐसी कहानियां हैं जिन्हें सुन आपको राजनीति के गंदे चेहरे से घिन होने लगेगी.
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