एक बड़ा रेल हादसा उस समय टल गया जब पटरी पर दौड़ती रेल कुछ दूरी पर रूक गयी और जिस जगह रेल रूकी उससे कुछ ही मीटर आगे पटरी टूटी हुई थी. बीते शनिवार को सुबह करीब 8.20 के आस-पास एक किसान अपने किसी पड़ोसी से मिलने जा रहे थे. पटरी के पास से गुजरते उनकी नज़र पटरी के टूटे हिस्से पर पड़ी. करीब डेढ़ इंच की दरार किसी बड़े सम्भावित रेल हादसे का आह्वान कर रही थी.
फ्रैंकलिन फर्नांडिज़ नामक किसान ने तुरंत पोन पर इसकी सूचना अपने भाई को दी. उनके भाई ने उन्हें बताया कि 8.30 बजे वहाँ से मेंगलुरू-मडगाँव इंटरसिटी एक्सप्रेस के गुजरने का समय है. उनके भाई ने उन्हें यह सलाह भी दी कि लाल झंडे दिखा कर वो किसी तरह रेल को रोक दें.
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अपने भाई की सलाह मानकर फ्रैंकलिन ने वहाँ लाल कपड़ा खोजना शुरू किया. लेकिन उन्हें आस-पास लाल रंग का कपड़ा नहीं मिला. तभी उन्हें दूसरी दिशा से रेलगाड़ी के आने का आभास हुआ.
तत्काल उन्होंने पटरी के आस-पास बिखरे लाल फूलों को एकत्र किया और उसका गुच्छा बना उसे हवा में लहराने लगे.
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हवा में गुच्छे को लहराते देख लोको पायलट ने टूटी पटरी से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी रोक दी. स्थिति की गम्भीरता समझ लोको पायलट ने यह सूचना संंबंधित अधिकारियों तक पहुँचा दी. करीब 50 मिनट की मरम्मत के बाद रेल वहाँ से दोबारा चली. इस तरह एक किसान की सूझबूझ से एक बड़ा सम्भावित रेल हादसा टल गया.Next….
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