प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सूट बिक्रम के भूत बेताल की तरह उनका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है. गंगा सफाई के कथित उद्देश्य से की गई उनके सूट की नीलामी उन्हे बार-बार टेलीविजन के ‘दाग अच्छे हैं’ वाले विज्ञापन की याद दिला रही है.
इस सूट की नीलामी के दौरान नर्सरी के एक शिक्षक राजेश माहेश्वरी द्वारा 1.25 करोड़ की बोली लगाने को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. सुर्खियों की मानें तो राजेश माहेश्वरी यह दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री के इस सूट को खरीदने के लिये उन्होंने 250 लोगों से प्रति व्यक्ति 50,000 रूपये का सहयोग लिया था.
इस तारीख को अंतिम बार नरेंद्र मोदी ने की थी जशोदा बेन से बात
सच ही कहा ‘ये सूट है या बवाल!’ Next….
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