अन्ना हजारे को शायद आप पांच महीने पहले सिर्फ एक समाज सेवी के रूप में जानते होंगे लेकिन पहले अप्रैल और फिर अगस्त में अन्ना देश के बच्चे-बच्चे के लिए कोई अनजान नहीं रह गए. हालात तो ऐसे थे कि पिछले दिनों लोग कहते नजर आए “मैं भी अन्ना तू भी अन्ना..”एक आदमी ने देश की जनता पर ऐसा असर डाला कि लोगों को उनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की झलक दिखने लगी. लेकिन अन्ना की जीत में सिर्फ अन्ना ही नहीं थे उनके साथ थी उनकी टीम जो एक मुठ्ठी की तरह काम करती रही और देश के युवाओं सहित अन्ना की जीत में मीडिया का भी बहुत बड़ा सहयोग रहा.
वैसे अन्ना और उनकी टीम ने एक आदर्श अनशन कैसे किया जाय इसका बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया. किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल, संतोष हेगड़े, प्रशांत हेगड़े, शांति भूषण, प्रशांत भूषण और अन्य सहयोगियों ने मिलकर रामलीला मैदान से लोगों को जोड़ने का ऐसा काम किया जिसके बारे में सरकार ने कभी सोचा भी नहीं होगा. “इंडिया अगेंस्ट करप्शन” ने लोगों को सोशल नेटवर्किंग से जोड़ने का काम किया तो वहीं कुमार विश्वास ने रामलीला मैदान के अंदर लोगों में उत्साह की कमी ही नहीं होने दी और किरण बेदी ने अपनी पुलिस के दिनों का सारा ज्ञान इस्तेमाल करते हुए प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद की. प्रशांत भूषण जैसे कानूनी दिग्गजों ने सरकार को कानूनी दांव पेंचों में फंसाए रखा और अरविंद केजरीवाल ने अन्ना टीम के प्रवक्ता का काम किया. सभी ने एक टीम की तरह काम किया जिसमें सबने एक-दूसरे का साथ दिया.
जागरण जंक्शन आप तक अन्ना की आंधी के सभी चरणों को आप तक पहुंचाता रहा है फिर वह चाहे अन्ना को गांधी का दर्जा देने की बात हो या फिर अन्ना और उनकी टीम के सदस्यों के बारे में बताना, हर कदम पर जंक्शन ने अपने पाठकों तक अनशन की खबर पहुंचाई. अगर आपसे कुछ छूट गया हो तो कोई बात नहीं इस बार हम आपको इस ब्लॉग के द्वारा अन्ना के अनशन और अन्ना की टीम के सदस्यों के बारे में बताएंगे. तो चलिए देखते हैं कैसे आया अन्ना – चक्रवात:
अन्ना और उनकी टीम की प्रोफाइल तथा उनके आंदोलन से संबंधित आलेख
आजाद भारत के गांधी अन्ना हजारे – Anna Hazare Profile
अरविंद केजरीवाल – अन्ना की लड़ाई में अहम सिपाही
किरण बेदी – हौसलों की ऐसी उड़ान
संतोष हेगड़े – कानून के जानकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ
शांति भूषण – कानून के माहिर खिलाड़ी
प्रशांत भूषण – अन्ना की लड़ाई के अहम सिपाही
अन्ना की आंधी की खबर
अन्ना की रणनीति या रामदेव की दुराग्रह नीति !!
कमजोर लोकपाल कैसे रोकेगा भ्रष्टाचार ?
Read Comments