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उम्मीद है अब मिलेगा तत्काल टिकट

Tatkalजब एक आम आदमी पूरी उम्मीदों के साथ रोजाना रेलवे टिकट काउंटर पर पहुंचता है और काउंटर खुलते ही उसे यह सुनने को मिलता है कि तत्काल की सारी टिकटें बिक चुकी हैं तो आप सोच सकते हैं कि उसकी उम्मीदों पर कितना गहरा चोट पहुंचता होगा. तत्काल टिकट की आवश्यकता इंसान को उस समय पड़ती है जब वह दूसरी जगह जाने के लिए उत्तेजित होता है. उसे लगता है कि यदि हम वहां नहीं गए तो अपने दिल को या फिर दूसरे के दिल को चोट पहुंचा देंगे या कोई बेहद जरूरी काम नहीं हो सकेगा. आम और जरूरतमंद लोगों को तत्काल टिकट न मिलने की वजह उस पर धांधली करने वाले दलाल हैं और ऐसा माना जाता है कि इसमें रेलवे के कर्मचारियों और दलालों की मिलीभगत भी है.


लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि यात्रियों की परेशानियां दूर हो सकती हैं. तत्काल टिकट में दलालों की भूमिका को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच भारतीय रेलवे ने 10 जुलाई से इन टिकटों का आरक्षण सुबह आठ बजे की जगह 10 बजे से शुरू करने की घोषणा की है और 12 बजे तक टिकट लिए जा सकेंगे. इसके तहत किसी अधिकृत एजेंट को पहले दो घंटे में टिकट बुक कराने की अनुमति नहीं होगी.


अन्य बातें

1. बार-बार टिकट कटाने वालों पर रखी जाएगी नज़र. टिकट विंडो पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इससे बुकिंग क्लर्कों से दलालों की साठगांठ पर भी नजर रखी जा सकती है.

2. तत्काल आरक्षण के लिए अलग से काउंटर खोले जाएंगे.

3. टिकट बुक करने वाले कर्मचारियों को काउंटरों पर जाने वक्त मोबाइल ले जाने की भी अनुमति नहीं होगी

4. बुकिंग खिड़की पर पहचान पत्र दिखाना जरूरी होगा. इससे दलालों को कतार से दूर रखना आसान होगा.

5. साइबर विशेषज्ञों से मदद ली जा सकती है जिससे बुकिंग में हो रही धांधली का पता लगाया जा सके.


इन दलालों के शातिर दिमाग को समझें

शातिर दलाल सॉफ्टवेयर की मदद से आईआरसीटीसी की वेबसाइट को हैक कर लेते हैं. इस सॉफ्टवेयर की खासियत यह है कि इसकी सहायता से अधिकतम कुछ ही सेकेंड में टिकट बुक हो जाते हैं, जबकि आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर से रेल टिकट को बुक कराने में कम से कम दो से तीन मिनट का समय लग जाता है. अभी ई-टिकट के जरिए आम टिकट और तत्काल टिकट दोनों की बुकिंग सुबह आठ बजे शुरू होती है. जब तक आप अपने कंप्यूटर पर अपना नाम, पता और कहां से कहां जाना है, टाइप करते हैं तब तक तत्काल के लगभग सभी टिकट बुक हो चुके होते हैं. फिर रिजर्वेशन के काउंटरों पर भारी भीड़ हो जाती है और तब दलाल इन्हीं टिकटों को ऊंचे दामों पर बेचते हैं.

तत्काल टिकट को लेकर रेलवे के पास काफी शिकायत आ रही थी. उधर मीडिया भी नजर रख रहा था. अंत में कई तरह के दबाव के बाद रेलवे ने यह घोषणा की है. उम्मीद है रेलवे की इस घोषणा के बाद यात्रियों की परेशानियां कुछ कम होंगी.



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