दुखांत कहानियों के नायक संजय दत्त (Sanjay Dutts in Hindi) को माफी दिए जाने की तमाम भावनात्मक और कानूनी अपीलों के बावजूद आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट मामले में उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है.
न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति डॉ. बलबीर सिंह चौहान की खंडपीठ ने छह अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं. जिन छह अन्य मुजरिमों ने याचिका दायर की थी उनके नाम अलावा यूसुफ मोहसिन नलवाला, खलील अहमद सैयद अली नाजिर, मोहम्मद दाऊद यूसुफ खान, शेख आसिफ यूसुफ, मुजम्मिल उमर कादरी और मोहम्मद अहमद शेख हैं.
अभी और भी हैं विकल्प
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिका खारिज करने के बाद अब संजय दत्त के पास क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने और सरकार से सजा में रियायत की अपील के विकल्प बचे हैं.
16 मई को आत्मसमर्पण
इस मामले में शीर्ष कोर्ट ने 21 मार्च को टाडा अदालत द्वारा शस्त्र अधिनियम के तहत सुनाए गए फैसले को बरकरार रखते हुए संजय दत्त की छह साल की सजा को घटाकर पांच वर्ष कर दिया था जिसमें संजय पहले ही डेढ़ साल जेल में गुजार चुके हैं. उन्हें साढ़े तीन साल और जेल में गुजारने हैं. इसी साल 17 अप्रैल को न्यायालय ने संजय दत्त को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दे दिया था. अब उन्हें 16 मई को अपने आप को आत्मसमर्पण करना होगा.
क्या हैं आरोप
मुंबई में 1993 सीरियल बम ब्लास्ट में मामले में संजय दत्त को एके 56 राइफल रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन पर दाऊद गिरोह से हथियार लेने के आरोप लगे थे. कहा गया कि संजय दत्त ने दाऊद के भाई अनीस को फोन कर ये हथियार मंगाए. हालांकि बाद में संजय दत्त ने एक एके 56 राइफल रखी और बाकी लौटा दी. उन्हें पुलिस ने टाडा के तहत गिरफ्तार किया था. 12 मार्च, 1993 को मुंबई में 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोगों की मृत्यु हुई थी और करीब 700 लोग घायल हुए थे. इस हमले में 28 करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी.
Tags: sanjay datt, sanjay datt in hindi, mumbai blast 1993, supreme court, Sanjay Dutt’s review petition, संजय दत्त.
Read Comments