भारतीय नागरिकों के साथ विदेशों में किए जाने वाले दुर्व्यवहार कोई नई बात नहीं है. एक नए मामले में न्यूयॉर्क में भारत की राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है. खबर है कि वीजा धोखाधड़ी और घरेलू नौकरानी का आर्थिक शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े (devyani khobragade) की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई और उन्हें पुलिस स्टेशन में सेक्स वर्करों, अपराधियों और नशेड़ियों के साथ खड़ा किया गया.
भारत ने जताई नाराजगी
अमरीकी पुलिस द्वारा देवयानी खोबरागड़े (devyani khobragade) के साथ की गई इस बर्बर कार्यवाही के बाद भारत में खासी नाराजगी है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और विदेश मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी देवयानी के साथ हुए दुर्व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मिलने को मना कर दिया है. इससे पहले इस मुद्दे पर अपना कड़ा रुख और नाराजगी जाहिर करते हुए भारत ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की यूएस कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का कार्यक्रम रद्द कर दिया था. भारत ने अमेरिका को इस बात से अवगत करा दिया है कि मुलाकात देवयानी के साथ हुए दुर्व्यवहार के कारण ही रद्द की गई.
इससे पहले भी भारत देवयानी खोबरागड़े (devyani khobragade) को हथकड़ी पहनाने से काफी खफा था और इस पर आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी. भारत के मुताबिक अमेरिका ने इस संबंध में राजनयिकों को मिले अधिकारों का सम्मान नहीं किया है. विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार रात यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘भारतीय राजनयिक देवयानी के साथ जो भी हुआ उसे हमने देश का अपमान माना है. उधर विदेश सचिव सुजाता सिंह ने शुक्रवार को अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल को बुलाया और अपने राजनयिक की गिरफ्तारी तथा दुर्व्यवहार पर कड़ा विरोध जताया.
क्या है मामला
गौरतलब है कि 39 साल की भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े (devyani khobragade) को पिछले हफ्ते वीजा धोखाधड़ी के आरोप में सार्वजनिक तौर पर उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रही थीं. 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी देवयानी को गिरफ्तार करके पुलिस स्टेशन ले जाया गया. गिरफ्तारी के बाद उनके साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया. बाद में उन्हें ढाई लाख डॉलर के बॉन्ड पर जमानत दी गई थी. न्यूयॉर्क में किसी वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के खिलाफ यह तीसरा कानूनी मामला है. दो साल पहले जून 2011 में प्रमुख वाणिज्य दूत प्रभु दयाल के घर काम करने वाले एक कर्माचारी ने आरोप लगाया कि उनसे जबरन काम कराया गया. एक साल पहले इस मामले का निपटारा हो गया था.
Read More:
Read Comments