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मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक – एक विवादित और सफल शख्सियत


फोन हैकिंग विवाद अब ब्रिटेन का राष्ट्रीय संकट बनता नजर आ रहा है. फोन हैकिंग विवादों में घिरे मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक की स्थिति तो ऐसी हो गई है कि पूछो मत. चटपटी खबरें और तेज-तर्रार बनने की चाह में रुपर्ट के कई अखबार समूहों ने ब्रिटेन के आम से लेकर खास लोगों के फोन टेप किए थे. इतना ही नहीं इस फोन-टेपिंग में कई अहम लोगों और शाही परिवार के भी फोन टेप होने की आशंका है. दुनियां के लिए मीडिया मुगल के रुप में पहचान बना चुके रूपर्ट मर्डोक को वैसे भी उनकी राजनीतिक पहुंच और सांठ-गांठ के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार वह बहुत बुरे तरीके से फंसे हैं.


rupert murdoch in meeting“न्यूज़ ऑफ़ द वर्ल्ड” नाम के एक साप्ताहिक अखबार में मसालेदार और चटपटी-सनसनीखेज खबरें देने के लिए प्राइवेट जासूसों तक का सहारा लिया गया और इसकी वजह से 168 साल पुराने इस साप्ताहिक अखबार को बंद कर दिया गया. दुनियां के सबसे ज्यादा बिकने वाले अंग्रेजी अखबार के लिए यह एक बड़े झटके की तरह था. 168 साल पुराने अखबार पर वैज्ञानिकों, सेलेब्रिटियों, खूंखार अपराधियों और इराक युद्ध में मारे गए सैनिकों के परिजनों के फोन हैक करके सूचनाएं जुटाने के गंभीर आरोप लगे थे. इस वजह से मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक ने इसे दस जुलाई को बंद कर दिया था.


अभी इस फोन टेपिंग विवाद में और भी कई खुलासे होने बाकी हैं. ब्रिटेन के कई शीर्ष अधिकारियों ने जिनका इस विवाद में हाथ है, उन्होंने तो पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. फोन हैकिंग मामले में पडे़ भारी दबाव के चलते रूपर्ट मर्डोक की कंपनी ‘न्यूज इंटरनेशनल’ की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेबेका ब्रूक्स ने इस्तीफा दे दिया है. वह कंपनी के चार अखबारों ‘द सन’, ‘द टाइम्स’, ‘द संडे टाइम्स’ और बंद हो चुके ‘न्यूज ऑफ द व‌र्ल्ड’ का काम देख रही थीं. उनके ऊपर फोन हैकिंग को बढ़ावा देने का आरोप है. इसी विवाद के चलते लंदन के पुलिस आयुक्त सर पॉल स्टीफेंसन ने इस्तीफा दिया और इसके बाद उनके सहायक जॉन एट्स भी पद छोड़ने को मजबूर हो गए. इन दोनों अधिकारियों के इस्तीफे से लंदन पुलिस नेतृत्वविहीन हो गई है.


murdoch_b_09_07_2011कौन हैं रूपर्ट मर्डोक – Profile of Rupert Murdoch


रूपर्ट मर्डोक विश्व मीडिया जगत के जाने माने चेहरे हैं. अपनी कामयाबी की वजह से इन्हें “मीडिया मुगल” के नाम से भी जाना जाता है. दुनिया भर के कई अहम समाचार समूहों में इनकी पहुंच और हिस्सेदारी है. मीडिया बाजार में अपनी पकड़ बनाने के लिए रूपर्ट मर्डोक ने हर तरह के हथकंडे अपनाए थे. कभी उनके पास आस्ट्रेलिया में सिर्फ एक अखबार हुआ करता था और आज दुनियां के कई समाचार समूहो में उनकी हिस्सेदारी उनकी कामयाबी की कहानी कहती है. यह दुनियां पैसे की है और इस बात को रूपर्ट मर्डोक अच्छी तरह जानते थे. रूपर्ट मर्डोक को मीडिया की मदद से राजनीति में पैठ जमाने के लिए जाना जाता है. ब्रिटेन और अमेरिका में उनके कई अहम शीर्ष राजनेताओं से जान-पहचान है.


रूपर्ट मर्डोक का जन्म मेलबोर्न में 11 मार्च, 1931 को हुआ था. रूपर्ट मर्डोक के पिता सर कीथ ऑस्ट्रेलिया में सबसे असरदार अख़बारों के मालिक थे. रूपर्ट मर्डोक ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल की है और लोकप्रिय पत्रकारिता के साथ उनका हमेशा ही लगाव रहा है.


सन 1952 में, जब रूपर्ट 21 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया और उन्हें पिता का कारोबार संभालने के लिए वापस ऑस्ट्रेलिया आना पड़ा. आस्ट्रेलिया आकर उन्होंने अपने पिता के अखबार में काम करना शुरु कर दिया. रूपर्ट मर्डोक शुरू से ही बहुत महत्वाकांक्षी व्यक्ति थे. अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए उन्होंने अधिग्रहण और विस्तारवादी नीति अपनाई. अखबार के साथ टैबलॉयड के इस्तेमाल को बढ़ावा दे उन्होंने अपने बिजनेस को विस्तार दिया.


सिडनी के टैबलॉयड अख़बार ‘डेली मिरर’ को अपने अधीन बना रूपर्ट ने आस्ट्रेलियाई मीडिया बाजार में अपनी पकड़ को इतना मजबूत कर लिया कि कोई उसे हिला ही नहीं पाया. 1968 में रूपर्ट ने ब्रिटेन के साप्तहिक अखबार “न्यूज ऑफ द वर्ल्ड” को खरीद लिया. लेकिन बिजनेस कोप बढ़ाने की चाह में उन्होंने इस साप्ताहिक अखबार को मसालेदार अखबार बना दिया. 1986 तक रूपर्ट मर्डोक ‘द टाइम्स’ और ‘संडे टाइम्स’ के भी मालिक बन चुके थे.


अपनी खबरों से राजनैतिक पार्टियों को लाभ पहुंचाने का भी उन पर आरोप लगता रहा पर वह अपने काम से बिलकुल पीछे नहीं हटे. ब्रिटेन से निकलकर कई देशों में मर्डोक ने अपना मीडिया साम्राज्य फैला लिया. जब उन्होंने हांगकांग स्थित स्टार टीवी को ख़रीदा तो पूरे एशिया के सेटेलाइट टेलीविज़न पर उनका दबदबा हो गया. भारत में स्टार टीवी समूह उसी का हिस्सा रहा है. भारत के टाटा स्काई में भी रूपर्ड मर्डोक की कंपनियों का बीस प्रतिशत हिस्सा है. द टाइम्स, संडे टाइम्स, द सन समेत कई अखबारों के मालिकाना हक उनके पास हैं. टेलीविजन मीडिया में भी उनकी अच्छी-खासी भागीदारी है. अगर अमेरिका की ही बात करें तो वॉल स्ट्रीट जर्नल, न्यूयॉर्क पोस्ट, डाऊ जोन्स लोकल मीडिया ग्रुप, 7 न्यूज़ इनफॉर्मेशन सर्विसेज़, फॉक्स टीवी समूह और स्काई इतालिया सहित अनेक टीवी कंपनियों का मालिकाना हक रूपर्ड मर्डोक के पास ही है. मशहूर टीवी चैनल नेशनल ज्योग्राफी और ब्रिटिश स्काई ब्रॉडकास्टर में भी उनकी हिस्सेदारी है.


rupert-murdoch-and-his-wife-wendi-dengअनेक देशों में फैला रूपर्ट का कारोबार करीब 6.3 अरब डॉलर का है. फॉर्बस मैगजीन ने उन्हें दुनियां के सबसे ताकतवार शख्सियतों की लिस्ट में 13वां स्थान दिया था. वह दुनियां के सबसे अमीर व्यक्तियों में गिने जाते हैं. अपनी कमाई और पत्रकारिता के साथ वह अपनी शादी की वजह से भी चर्चा में रहे हैं. रुपर्ट ने अब तक तीन शादियां की हैं जिनसे उनके 6 बच्चे हैं.


दुनियाभर के कई अहम मीडिया समूहों में उनकी सक्रिय भूमिका तो काबिलेतारीफ है पर जिस तरह से उन्होंने मीडिया के नियमों और स्तरों को ताक पर रख दिया है उससे उनकी बहुत निंदा भी हुई है. मीडिया का काम समाज को आइना दिखाना है लेकिन आइना दिखाने के लिए किसी की निजी जिंदगी में ताकझांक गलत है. इसके साथ ही जिस तरह से उन्होंने मीडिया में अपना व्यापार बढ़ाने के लिए अनैतिक तरीकों का इस्तेमाल किया है वह भी बेहद गलत है.


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