प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए जब से सत्ता में आई है फतवा जारी करने वाले संस्थाओं और धार्मिक कट्टरता को जन्म देने वाले सलाहकारों ने अपने पंख फैला लिए हैं. हर कोई अपने हिसाब से बिना पूछे अपने धर्म के लोगों को सलाह दे रहा है. अपने बयानों से धार्मिक सहिष्णुता को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है.
हाल ही में मध्य प्रदेश की साध्वी बालिका सरस्वती ने एक विवादित बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में लव जिहाद बड़ी ही तेजी से अपना पैर पसार रहा है. साध्वी सरस्वती ने कहा “मैं हिन्दू लड़कियों से आग्रह करती हूं कि वे मुस्लिम लडकों से दूर रहें, यदि आपसे कोई मुस्लिम संपर्क साधने की कोशिश करता है तो उस पर पत्थर बरसाओ, हिन्दू लडकियों को मुस्लिम लड़के बाद में इस्लाम कबूल करवाते हैं ताकि देश में मुस्लिमों की आबादी हिन्दुओं जितनी की जा सके”. इनके मुताबित लव, लैंड और पॉलिटिकल के नाम से पूरे देश में 25 तरह के जिहाद चलाए जा रहे हैं. उन्होंने हिंदुओं को सलाह देते हुए कहा कि वे अपने धर्म, राष्ट्र और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कमर कस लें.
बवाली सूट ने दिया एक और नये विवाद को जन्म
साध्वी बालिका सरस्वती का उपरोक्त बयान कोई नया नहीं है इससे पहले उनके वरिष्ठ भी इस तरह के बयान देते रहे हैं. सरस्वती एक परंपरा के तहत इसे आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है. लेकिन क्या इस तरह की परंपरा देश के लिए घातक साबित नहीं होगा?
क्या ‘पीके’ के पोस्टर में छिपा है आमिर का पर्फेक्शन ?
ये पूछे जाने पर कि हिंदुओं में जाति प्रथा एक बहुत ही बड़ी बुराई है इस पर साध्वी ने दावा कि “जाति प्रथा भगवान की देन है जिससे समाज को संतुलन में रखा जाता है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.” उन्होंने हिन्दुओं में अंतर्जातीय विवाह का विरोध नहीं किया. साध्वी ने कहा कि जाति व्यवस्था बीते दिनों की बात है और इस पर काबू पाने की जरूरत है….Next
Read more:
Read Comments