ओसामा बिन लादेन (OSAMA BIN LADEN) के मरने के बाद से अलकायदा चीफ की कुर्सी खाली पड़ी थी. पहले कहा जा रहा था कि अल-जवाहिरी इस पद के लिए उपयुक्त आंतकी है लेकिन ताजा खबरों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अल कायदा (Al Qaeda) में अल जवाहिरी (Al–Zawahiri) को लेकर काफी मतभेद है. ताजा खबर है कि मिस्र के सैफ अल-अदल को अलकायदा का कार्यवाहक प्रमुख बनाया गया है.
अदल को मोहम्मद इब्राहिम मक्कावी के नाम से भी जाना जाता है. अल अदल उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब अफ्रीका के 2 देशों तंजानिया और कीनिया में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले में उसका नाम आया था. 1998 में हुए इस हमले के मास्टर माइंडों में से अल अदल एक था.
11 अप्रैल, 1960 को जन्मे सैफ-अल-अदल (Saif al-Adel) का अल जवाहिरी की जगह चुना जाना इस बात को दर्शाता है कि वह अल जवाहिरी से भी बड़ा आतंकी है जो जल्द ही दुनिया को अपने कारनामों से दहलाने वाला है.
अदल अल कायदा के मजलिस-ए-शूरा (majlis al shura) का सदस्य है और यह अल कायदा के मिलिट्री कमिटी का भी सदस्य है. पाकिस्तान, सूडान और अफगानिस्तान में उसकी छवि एक कुख्यात आंतकवादी की है. वह अलकायदा के सदस्यों को मिलिट्री और इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग देता है. 1988 में राष्ट्रपति अनवर अल सादात की हत्या में हाथ होने की वजह से मिस्र की सेना में पूर्व अधिकारी अदल को देश से निकाल दिया गया था. इस घटना का उस पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा और उसने अपने दिमाग को गलत दिशा में इस्तेमाल करना शुरु कर दिया.
कहा जाता है कि 90 के दशक में वह ओसामा के संपर्क में आया था. कई लोग यह भी कहते हैं कि ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी के साथ मिलकर सैफ अल-अदल ने ही तंजानिया और कीनिया में अमेरिकी दूतावास पर हमले की योजना बनाई थी जिसमें कई मौतें हुई थीं.
अब देखना यह है कि ओसामा के बाद क्या वाकई सैफ अल-अदल आतंक का दूसरा नाम बनकर उभरेगा और उसे मारने के लिए अमेरिका कौन सी नई चाल चलेगा. सवाल तो कई हैं लेकिन जब तक सब शांत है शांत ही रहने दीजिए. हो सकता है यह शांति किसी बड़े तूफान का संकेत हो क्यूंकि अलकायदा कह चुका है कि वह ओसामा की मौत का बदला बड़े पैमाने पर लेकर रहेगा.
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