सोनिया गांधी और उनके परिवार के वजूद पर हमला करने वाली भारतीय जनता पार्टी आज जब वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के वजूद पर सवाल किए जा रहे हैं तो भाजपा नेता तिलमिलाए हुए हैं. भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के पाकिस्तानी मूल पर सवाल उठाने वाले शकील के बयान पर पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व पीएम आइ के गुजराल की याद दिलाते हुए कहा कि दोनों ही पाकिस्तान से आए थे और प्रधानमंत्री बनें. रविशंकर ने कांग्रेस से पूछा है कि क्या शकील का बयान पार्टी का अधिकृत बयान माना जाए?.
गौरतलब है कि शकील अहमद ने रविवार को राजस्थान के सीकर में एक कार्यक्रम में आडवाणी पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह सेवा के लिए नहीं बल्कि मेवा के लिए पाकिस्तान से भारत आए थे. उन्होंने सत्ता के लिए हिंदुत्व को मुद्दा बनाया और फिर भूल गए. भाजपा प्रवक्ता रविशंकर ने सोमवार को यहां शकील के बयान की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. विभाजन के बाद कई हिंदू पाकिस्तान छोड़कर भारत आए थे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि विश्व में कहीं भी हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा हो तो उसे उठाए.
शकील के इस बयान से एक नए तरह का सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया है. उन्होंने बयान तो भाजपा के खिलाफ दिया मगर इसका असर कांग्रेस पर भी दिखाई दिया. उन्होंने आडवाणी के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उन तमाम देशवासियों का अपमान किया जो विभाजन के समय किसी वजह से भारत आ गए थे. कांग्रेस में वैसे केवल शकील ही नहीं हैं जिन्होने ऐसा विवादित बयान दिया है. इससे पहले गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कांग्रेस के जयपुर चिंतन शिविर के दौरान यह कहकर भाजपा को आगबबूला कर दिया था कि आरएसएस और भाजपा हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
एक तरफ जहां नरेद्र मोदी की प्रधानमंत्री के रूप में दावेदारी को लेकर भाजपा और उसके घटक दलों में गहमागहमी चल रही है वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री बनने के सपने संजोए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी पर दिए गए इस तरह के बयान उन्हे हाशिए पर ले जाता हैं. वैसे भी आम चुनाव नजदीक आ चुके हैं. राजनीति पार्टी का हर नेता जानता है कि अपनी सियासी रोटिया सेकने के लिए किसको टारगेट करना है.
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