लगता है जूता उछालने से नेताओं को कुछ सुनाई नहीं देता इसलिए नौजवानों ने अब सीधे कान पर थप्पड़ मारकर उन्हें सुनने पर विवश कर दिया है. एक समय था जब भारत में आजादी से पहले महान क्रांतिकारी भगत सिंह ने एसेंबली में बम फेंकने के बाद कहा था कि बहरों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत होती है. और आज लगता है जनता अपना दर्द सुना-सुनाकर थक चुकी है पर इसका कुछ असर नेताओं पर पड़ नहीं हो रहा सो उन्होंने ठान ली है कि अब थप्पड़ों की गूंज से ही कान के पर्दे खोले जाएं.
पहले सुखराम और अब देश के कृषि मंत्री जिनके हाथ में खाद्य दरों की कमान है उन पर थप्पड़ साफ दर्शाता है कि जनता अब बहुत सह चुकी है. हो सकता आज एक व्यक्ति ने चांटा मारा है कल को कोई गोली मार दे. और अगर ऐसा होता है तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं होगी. अगर हम बात केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की करें तो वह पहले भी कई बार महंगाई पर बेतुके बयान दे चुके हैं. एक कृषि मंत्री से जनता की उम्मीदें होती हैं कि वह कम से कम खाद्य साम्रगियों को सही मूल्य और सही मात्रा में उपलब्ध करा सके. लेकिन यह बात किसी से नहीं छुपी कि जब से शरद पवार कृषि मंत्री बने हैं तबसे ना ही खाद्य मूल्यों के दाम कम हो रहे हैं और ना ही आपूर्ति हो पा रही है. राशन डिपो पर तो मानो लूट मची हुई है. इन सब का जिम्मेदार कौन है? शरद पवार देश के कृषि मंत्री होने के बावजूद खेल से जुड़ी संस्था आईसीसी के प्रमुख बने बैठे हैं. यहां देश की जनता मंहगाई से मर रही है और वह अधिकतर विदेशों में ही अपना डेरा डाले रहते हैं.
लेकिन शरद पवार कब तक गुस्से से बचे रहते. केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार नई दिल्ली में इफको के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे जहां हरविंदर सिंह नाम के एक युवक ने उन्हें थप्पड़ मार दिया. जिस वक्त शरद पवार को थप्पड़ मारा गया वो मीडिया से बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे.
शरद पवार दिल्ली में एनडीएमसी सभागार में आयोजित ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य समारोह’ में शिरकत करने पहुंचे थे. समारोह खत्म होने के बाद शरद पवार मीडिया से बात करने लगे. इसी दौरान मीडिया से बात करते हुए आगे बढ़ रहे शरद पवार पर हरविंदर सिंह नामक युवक ने थप्पड़ जड़ दिया. हरविंदर सिंह ने इससे पहले पूर्व टेलीकॉम मंत्री सुखराम सिंह पर भी दिल्ली की एक अदालत में हमला किया था.
सिंह इज किंग बना मारने वाला
पवार को चांटा मारने के बाद युवक को इससे पहले कि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी पकड़ते, उसने अपनी कृपाण निकाल ली और हवा में लहराने लगा. बाद में युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. उसने अपना नाम हरविंदर सिंह बताया है. हरविंदर पेशे से ट्रांसपोर्टर है. वह दिल्ली के रोहणी इलाके का रहने वाला है. चार दिन पहले उसने ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पर हमला किया था.
कुछ दिन पहले बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा था कि महंगाई के कारण देश में हिंसा फैल सकती है. कुछ लोग इस घटना को उनके बयान से भी जोड़ कर देख रहे हैं. पर उनका यह बयान भी शायद सटीक बैठ गया. हालांकि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन लोगों के बढ़ते गुस्से के कारण देखना यह है कि क्या सरकार इस आक्रोश भरे कृत्य से सबक लेती है या आने वाले दिनों में हमें और नेताओं को पिटते हुए देखना पड़ेगा.
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