भारत में बाबा और धार्मिक गुरु कैसे हजारों-लाखों लोगों को एक जगह एकत्रित कर लेते हैं यह हर किसी के लिए आश्चर्य का विषय है. इनके आयोजन इतने भव्य और विशाल होते हैं कि सरकार से लेकर प्रशासन तक को माथापच्ची करनी पड़ती है. ऐसी कम उम्मीद होती है कि बिना विवाद इनका कार्यक्रम सफल हो.
आर्ट ऑफ लिविंग के जरिए दुनिया को जीने के गुर सिखाने वाले श्री श्री रविशंकर का सांस्कृतिक महोत्सव इन दिनों इसी तरह के विवादों में फंसा हुआ है. विवाद आयोजन की भव्यता और विशालता पर है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकती है.
दरअसल यह सांस्कृतिक महोत्सव दिल्ली के यमुना नदी के किनारे किया जा रहा है. पर्यावरणविदों के अनुसार इससे यमुना और इसके आस पास के इकोलॉजी सिस्टम को नुकसान पहुंच सकता है. माना जा रहा है कि यह आयोजन 1000 एकड़ जमीन पर किया जा रहा है.
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तमिलनाडु में 1956 में जन्मे रवि शंकर ने 6 वर्ष की उम्र से ही वेदों को पढ़ना शुरू कर दिया था. 17 साल की उम्र में उन्होंने वैदिक साहित्य और विज्ञान की पढ़ाई पूरी की. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग जगहों का दौरा किया और कई आध्यात्मिक गुरुओं से भी मिले. उन्होंने 1982 में “आर्ट ऑफ लिविंग” की स्थापना की.
इनके पास कुल संपत्ति 12 अरब 40 करोड़ 34 लाख रुपए की है. उनकी संपत्ति में शामिल है आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर (बैंग्लोर), श्री श्री शंकर विद्या मंदिर ट्रस्ट, श्री श्री सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़, श्री श्री यूनिवर्सिटी, पीयू कॉलेज (बैंग्लोर), आर्ट ऑफ लिविंग हेल्थ और एजुकेशनल ट्रस्ट आदि. माना जाता है कि इन संपत्तियों से श्री श्री रवि शंकर को करीब 1,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर आता है…Next
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