85 साल के श्री सत्य साईं बाबा का अंतिम संस्कार प्रशांति निलयम आश्रम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया. अंतिम संस्कार के वक्त करीब पांच लाख साईं भक्त पुट्टापर्थी में मौजूद थे. सभी ने बारी-बारी से साईं के दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सत्य साईं को उसी जगह पर महासमाधि दी गई, जहां उनका पार्थिव शरीर भक्तों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था.
दुनियाभर में अपने संदेशों से लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले सत्य साईंबाबा को बुद्धवार 27 अप्रैल, 2011 को उसी स्थान पर समाधि दे दी गई जहां से सालों से वह अपने भक्तों को दर्शन और उपदेश देते आ रहे थे.
पूर्ण पुलिस सम्मान के साथ 85 वर्षीय साईंबाबा को अंतिम विदाई दी गई और उनके अंतिम संस्कार की विधि उनके भतीजे आरजे रत्नाकर ने वैदिक परंपराओं के साथ संपन्न की, जिसके बाद उनके पार्थिव देह को ‘साईं’ मंत्रों के बीच समाधि दी गई.
आम और खास दोनों तरह के लोगों के आध्यात्मिक गुरू रहे साईं बाबा के अंतिम संस्कार के समय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, एम. वेंकैया नायडू, बंडारू दत्तात्रेय, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल और बाबा के सैकड़ों भक्त मौजूद थे.
जिस स्थान पर सत्यसाई को समाधि दी गई है वहां उनका स्मारक बनाया जा सकता है. श्री सत्य साईं बाबा को लोग उनके चमत्कारों से अधिक जन सेवा के कार्यों के लिए याद करते हैं. देश-विदेश में उनके सत्य साईं ट्र्स्ट के कई स्कूल और हॉस्पिटल हैं जो लोगों की जिंदगी संवारने का काम करते हैं.
बाबा की मौत के बाद उनके वारिस को लेकर चर्चाएं बहुत ही गर्म हो चुकी हैं. हालांकि थोड़े समय के लिए हालात को सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है. सत्य साईं बाबा की हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति की देखरेख का जिम्मा फिलहाल आंध्र प्रदेश सरकार के वित्त सचिव को सौंपा गया है.
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