डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा खंडित करने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक अमला कुछ ज्यादा ही सतर्क हो गया। बदायूं जिले में प्रशासन ने शहर के बीचोंबीच एक चौराहे के निकट बाबा साहब की एक प्रतिमा को लोहे के पिंजरे में बंद कर ताला लगा दिया गया था। आंबेडकर की प्रतिमा को लोहे के मजबूत जाल में बंद करने की यह घटना सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित गद्दी चौक की है।
बाबा साहब की प्रतिमा को लोहे के जाल में बंद किया गया
बाबा साहब की प्रतिमा को न सिर्फ लोहे के जाल में बंद कर दिया गया है, बल्कि ताला भी लगा दिया गया है। साथ ही यहां पुलिस की ड्यूटी भी लगी हुई है। तीन होमगार्ड प्रतिमा की 24 घंटे सुरक्षा करते हैं। सीओ वीरेंद्र सिंह यादव इस मामले की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं। सीओ ने कहा कि हो सकता है कि किसी ने मूर्ति की सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया होगा लेकिन किसने किया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है, इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।
होमगार्ड प्रतिमा की सुरक्षा कर रहे हैं
जब यह मामला सामने आया तो प्रशासन ने जाली को तत्काल हटा लिया। हालांकि, प्रतिमा की सुरक्षा के लिए पुलिस की ड्यूटी भी लगी हुई है। तीन होमगार्ड प्रतिमा की 24 घंटे सुरक्षा करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस ने दुकानदारों से चंदा लेकर मूर्ति पर जाली लगवाई थी और उसके आसपास सफाई भी करवाई थी।
अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी गई थी
बता दें कि 7 अप्रैल को यहां दुगरैया गांव में भीमराव अंबेडकर की मूर्ति तोड़ दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने नई मूर्ति लगाई, लेकिन प्रतिमा का कोट भगवा रंग का था। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो बहुजन समाज पार्टी के नेता हेमंत गौतम ने इसे वापस नीले रंग में रंग दिया था। इसके पहले प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी। लखनऊ के बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में बाबा साहब की मूर्तियों को सुरक्षित रखने के लिए रेलिंग और चैनल से घेरकर ताला जड़ दिया गया था। इससे पहले उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद, आजमगढ़ समेत कई इलाकों में मूर्ति तोड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे वहां तैनाव फैल गया था।…Next
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