फिल्मी गानों को थिरते कदम, छलकते जाम और हवा में नोट उछालते हुए ठहाके लगाना। कुछ ऐसा ही नजारा होता था डांस बार में, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद डांस बार का नजारा कुछ बदला-सा होगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में डांस बार को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी है। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के 2016 के कानून को वैध माना, लेकिन साथ ही कुछ नियमों में बदलाव किए हैं। डांस बार में नोट और सिक्के नहीं उड़ाए जा सकेंगे, लेकिन बार गर्ल्स को टिप दी जा सकेगी।
आइए, जानते हैं कोर्ट ने डांस बार में कैसे बदलाव के साथ मंजूरी दी है।
डांस बार में एरिया और ग्राहकों के बीच दीवार नहीं होगी। सरकार ने नियम तय किया था कि ग्राहक और डांसरों के बीच एक 3 फुट ऊंची दीवार बनाई जाए, जिससे डांस तो देखा जा सके, मगर उन तक पहुंचा न जा सके।
कोर्ट ने कहा कि मुंबई जैसे क्षेत्र में धार्मिक और शैक्षणिक स्थलों से एक किलोमीटर की दूरी पर डांस बार होने का नियम तर्कसंगत नहीं है। अब मुंबई में ज्यादा डांस बार देखने को मिल सकते हैं।
ग्राहक बारबालाओं को टिप दे सकते हैं, मगर वे पैसे नहीं लुटा पाएंगे।
कोर्ट ने कहा कि डांसर और मालिक के बीच वेतन फिक्स करना सही नहीं। ये अधिकार सरकार का नहीं, बल्कि मालिक और डांसर के बीच आपसी कॉन्ट्रैक्ट का मामला है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई में डांस बार शाम 6 से 11।30 तक चल सकेंगे।
कोर्ट ने डांस बार मे सीसीटीवी लगाने के नियम को भी खारिज किया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट ने अपने फैसले में महाराष्ट्र सरकार के कानून में अश्लीलता पर सजा के 3 साल के प्रावधान को मंजूरी दी है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि बार में किसी तरह की अश्लीलता नहीं होना चाहिए। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार के 3 साल की सजा के प्रावधान को बरकरार रखा गया है। कोर्ट ने कहा कि डांस बार्स में सीसीटीवी लगाना जरूरी नहीं होगा…Next
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