सर्जिकल स्ट्राइक 2 के बाद सियासत गर्माती हुई दिख रही है। बालाकोट में भारतीय एयरफोर्स की कार्रवाई में कितने आंतकी मारे गए इस बात को लेकर सरकार से सवाल किए जा रहे हैं। जहां विपक्षी पार्टियां इसे फर्जी करार देने से भी पीछे नहीं हट रही हैं। वहीं, पाकिस्तान इसे पेड़-पौधों पर हुई कार्रवाई बता रही है। ऐसे में इन बातों से परे वहीं भारतीय खुफिया एजेंसियों की तकनीकी सर्विलांस से एक बड़ा खुलासा हुआ है। सर्विलांस के मुताबिक, आतंकी कैम्प में 300 मोबाइल फोन के ऐक्टिव होने की जानकारी सामने आई है, जिसने सीधे तौर पर संकेत दिए हैं कि वहां कितने आतंकी रह रहे थे। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वायु सेना को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शिविर में हमले की अनुमति मिलने के बाद नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (एनटीआरओ) ने सर्विलांस शुरू किया था। ऐसे में आम लोगों की दिलचस्पी ‘एनटीआरओ’ के बारे में जानने की बढ़ गई है। आइए, जानते हैं एनटीआरओ क्या है और कैसे करता है ये काम।
क्या है NTRO
एनटीआरओ केंद्र सरकार के अधीन एक संगठन है। इसका काम खुफिया जानकारी जुटाना है। एनटीआरओ के इस दावे के बाद ये संगठन अचानक सुर्खियों में आ गया है। NTRO (National Technical Research Organisation) राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जानकारियां खुफिया तौर पर जुटाता है। फिर इन सूचनाओं को सरकार सेना और अन्य संगठनों के साथ साझा करता है। ये संगठन सर्विलांस और सैटलाइट के जरिए खुफिया निगरानी करता है। अंतरिक्ष में भेजे गए भारतीय सैटलाइट के जरिए ये देखते हैं कि धरती पर कहां क्या हो रहा है। इसके अलावा इंटरनेट और मोबाइल फोन आदि की मॉनिटरिंग भी इस संगठन का काम है।
Sources: Similar number of active targets were corroborated by other Indian intelligence agencies as well that had inputs suggesting same number of operatives in JeM terror camp in Balakot https://t.co/II3BKeZIUt
— ANI (@ANI) March 4, 2019
किसके अधीन काम करता है NTRO
NTRO सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तहत काम करता है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इस वक्त अजीत डोभाल हैं। जाहिर है वही इस संगठन के मुखिया हैं। संगठन देश की सेना, अर्धसैनिक बलों और दूसरे संगठनों को खुफिया सूचनाएं उपलब्ध कराता है।
कैसे जुटाता है जानकारी
नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन के तहत एक नेशनल क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर बनाया गया है। ये सेंटर सैटलाइट के जरिए देश के अहम बुनियादी ढांचों मसलन सैन्य प्रतिष्ठानों और केंद्रीय संस्थानों की 24 घंटे निगरानी करता है। सेंटर सैटलाइट के जरिए मॉनिटरिंग करता है। इस सेंटर के जिम्मे हवाई ड्रोन से लेकर समंदर के भीतर तक निगरानी करना है। देश भर में बिछाए गए इंटरनेट फाइबर नेटवर्क पर नजर रखना भी इसके जिम्मे है। NTRO भारत की ओर से अंतरिक्ष में भेजे गए टेक्नॉलजी एक्सपेरिमेंट सैटलाइट यानी TES और कार्टोसेट-2बी के जरिए निगरानी करता है। ये संगठन RISAT-1 और RISAT-2 नाम के दो रडार सैटलाइट के जरिए आने वाली तस्वीरों के जरिए भी खुफिया जानकारी जुटाता है।…Next
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