कभी कोई प्रशांत भूषण को मारता है तो कभी कोई अरविंद केजरीवाल पर चप्पल फेंकता है. कभी टीम अन्ना के अहम सहयोगियों पर इनकम टैक्स के छापे पड़ते हैं तो कभी कोई नया विवाद. आए दिन अन्ना की टीम के साथ होने वाले विवादों को देखकर लगता है कि आने वाले दिन टीम अन्ना के लिए मुसीबत भरे हो सकते हैं.
पहले से ही आंतरिक मतभेद के दौर से गुजर रही टीम अन्ना एक और विवाद से घिर गई है और गुरुवार को इसकी एक प्रमुख सदस्य किरण बेदी पर छूट का लाभ लेने के बावजूद अपने मेजबान से हवाई टिकटों का पूरा किराया लेने का आरोप लगा है लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता ने दावा किया है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और इससे उन्होंने कोई निजी फायदा नहीं उठाया.
पिछले कुछ हफ्तों में टीम अन्ना के सदस्यों में मतभेद उभरकर सामने आए हैं. कुछ सदस्य हजारे के इस रूख से आश्चर्य में हैं कि टीम में प्रशांत भूषण के बने रहने पर फैसला कोर कमेटी करेगी.
हाल ही में प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर में जनमत सर्वेक्षण कराए जाने का समर्थन करने पर कुछ लोगों ने उनकी पिटाई कर दी. अभी कुछ दिन पहले की बात है कि एक संवाददाता सम्मेलन में अरविंद केजरीवाल पर एक सज्जन ने चप्पल फेंककर अपना विरोध जाहिर किया. इसके साथ ही अन्ना कोर कमेटी के दो प्रमुख सदस्यों पी वी राजगोपाल एवं रजिंदर सिंह ने भी इस्तीफा देते हुए कहा कि टीम अन्ना अपने मूल मुद्दे से भटक रही है.
कोर कमेटी में पर्याप्त चर्चा के बगैर टीम अन्ना द्वारा हिसार उपचुनाव और आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलाए जाने के कदम को लेकर भी मतभेद है.
कहावत है कि अगर लकड़ियां अलग-अलग हो तो उसे तोड़ना बेहद आसान होता है और अगर वही लकड़ियां एक साथ रहें तो उन्हें तोड़ना लगभग नामुमकिन होता है. टीम अन्ना को समझना होगा कि एकता में ही बल है वरना एक-एक करके सब अलग हो जाएंगे और जिस भ्रष्टाचार के मुद्दे से वह लड़ने की बात कह रहे थे वह उन्हें खा जाएगा.
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