21-22 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक दादी-पोती की रोने वाली इमोशनल फोटो वायरल होने लगी।
फोटो के पीछे की कहानी को यह कहकर शेयर किया जा रहा था कि ‘एक स्कूल ने अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए वृद्धाश्रम का टूर आयोजित किया और इस लड़की ने अपनी दादी को वहां देखा।
दरअसल, जब इस बच्ची ने अपने माता-पिता से दादी के बारे में पूछा था तो उसे बताया गया था कि वो अपने रिश्तेदार के यहां रहने गई हैं। ये किस तरह का समाज बना रहे हैं हम?”
ज्यादातर लोगों ने वृद्ध महिला के बेटे-बहू को जमकर लानतें दी। बाद में इस फोटो को लेने वाले फोटोग्राफर ने बताया कि यह फोटो हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि 11 साल पहले की है। जिसे उन्होंने एक स्कूल की तरफ से बुलाए जाने पर लिया था।
फोटो वायरल होते-होते खबर बन गई और जब यह खबर तस्वीर में दिख रही पोती तक पहुंची, तो वो अपने माता-पिता के बारे में ऐसी बातें सुनकर बेहद आहत हो गई।
‘संवेदनाएं ठीक है लेकिन माता-पिता की इमेज को ठेस पहुंचाना गलत’
फोटो में दिख रही लड़की अब बड़ी हो चुकी है, उन्होंने कहा ‘फोटो 12 सितम्बर 2007 को ली गई थी। मुझे नहीं पता था कि मेरी दादी कहां है। जब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे देखा अचानक देखा तो हम दोनों इमोशनल हो गए और रोने लगे।
तस्वीर का दूसरा पहलू ये है कि मेरी दादी अपनी मर्जी से यहां रहने आईं थीं। उन्हें जबर्दस्ती यहां नहीं भेजा गया। मेरे माता-पिता के बारे में जो भी बातें हो रही हैं, वो बातें मुझे ठेस पहुंचाती हैं।’
दादी ने कहा ‘अपनी मर्जी से आई यहां’
वहीं तस्वीर में दिख रही वृद्ध महिला का कहना है कि वो अपनी मर्जी से यहां आई हैं। वो शांति से रहना चाहती थी। उनके साथ किसी भी तरह का गलत बर्ताव नहीं किया गया है। वो बीच-बीच में अपने परिवार से मिलती-जुलती रहती है और उनका परिवार भी उनसे मिलने आता रहता है। यहां उनकी उम्र के कई लोग हैं। जिनके साथ वो कीर्तन-भजन और धार्मिक यात्राओं पर जाती हैं। तस्वीर से जुड़ा सच सामने आने पर सोशल मीडिया पर लोग एक-दूसरे को हिदायत देते दिख रहे हैं, बिना सच जाने ऐसे ही कुछ भी शेयर करने से बचना चाहिए…Next
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