‘देश को आजादी के नए अफसानों की जरूरत है, भगत-आजाद जैसे आजादी के मतवालों की जरूरत है. जिन्हें है प्यार वतन से, वो देश के लिए अपना लहू बहाते हैं. जो नहीं हो पाया सालों से, वो बदलाव की एक आग देखना चाहते हैं. देश के 67वें गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों में एक नया जोश देखने को मिल रहा है. सभी का गणतंत्र दिवस मनाने का तरीका बेशक से अलग हो लेकिन सभी के मन में अपने देश और संविधान के लिए प्रेम और आदर है.
इस देश में आम आदमी भी है खास, कमाता है 55 लाख रूपये
कुछ लोग तो देशभक्ति से लबरेज 26 जनवरी और 15 अगस्त जैसे दिनों को इतना पसंद करते हैं कि पूरे दिन देशभक्ति गीत और फिल्में देखते हुए बिताते हैं. यानि 26 जनवरी से पहले ही देश के नाम सेलिब्रेशन शुरू हो जाता है. इसी तर्ज पर गणतंत्र दिवस से पहले ही रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने विश्व का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा तिरंगा फहराया. रांची में शनिवार को फहराए गए इस तिरंगे की ऊंचाई 293 फीट है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 119वीं जयंती पर पर्रिकर ने कहा कि 66 फीट ऊंचे और 99 फीट लंबे तिरंगे झंडे को फहराकर वह गौरवान्वित हैं.
भारत नहीं, इस देश में है सरस्वती का सबसे ऊँचा और खूबसूरत मंदिर
रोचक यह रहा कि उन्होंने इस झंडे को रिमोट कंट्रोल से फहराया. झंडे को फहराने के लिए जमीन से 493 फुट ऊपर पहाड़ की चोटी पर 293 फुट ऊंचा फ्लैग पोस्ट बनाया गया है. इस प्रकार जमीन से कुल 786 फीट की ऊंचाई पर फहराया गया यह तिरंगा देश का सबसे ऊंचाई पर स्थित तिरंगा है. इससे पहले तक फरीदाबाद में 250 फुट ऊंचे खंभे पर लहरा रहा 96 फुट गुणा 64 फुट परिमाप वाला झंडा देश का सबसे विशाल और लंबा तिरंगा झंडा था, जिसे पिछले साल फहराया गया था…Next
Read more :
Read Comments