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पानी की कमी है इसलिए अब ऐसे टॉयलेट को यूज कर रहे हैं लोग

घर से बाहर जाते समय कभी न कभी आपका भी हाजमा खराब हुआ होगा. ऐसे में आपकी नजर पब्लिक टॉयलेट पर जाती होगी. लेकिन पब्लिक टॉयलेट की बद से बदतर हालत को देखकर शायद ही आप उसमें जाने की हिम्मत जुटा पाएं हो. ऐसा हाल छोटे शहरों में ही नहीं बल्कि महानगरों में भी है. फिलहाल स्वच्छ भारत अभियान की बयार पब्लिक टॉयलेट तक नहीं पहुंच पाई है. लेकिन दूसरी ओर केरल में दुनिया का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां ई- टॉयलेट की सुविधा मिलेगी.


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तिरुवनंतपुरम जिले के पुल्लुविला गांव में ऐसे ई- टॉयलेट बनाए गए हैं जहां पर आपको गदंगी का नामोनिशान तक नहीं मिलेगा. खासबात ये है कि इन टॉयलेटों में ऐसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया है जिसमें किसी व्यक्ति को देखरेख करने की जरूरत नहीं है. खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करके बनाए गए इन टॉयलेटों को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है.

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जिसमें आपको सिर्फ एक सिक्का डालना पड़ेगा और गेट खुल जाएगा. इसके बाद फ्लश करने के लिए आपको सिर्फ एक बटन दबाना पड़ेगा. साथ ही यदि कोई फ्लश करना भूल जाता है तो ऐसी सूरत में ये ई- टॉयलेट ऑटोमेटिकली फ्लश करना शुरू कर देगे. ये ई-टॉयलेट स्थानीय फर्म एराम साइंटिफिक सॉल्यूशन के द्वारा बनाए गए हैं. जिसमें बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन सपोर्ट दिया है.

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मोबाइल और वेब टेक्नोलॉजी से युक्त इन ई- टॉयलेटों को देश के 19 राज्यों में करीब 1600 की तादाद में बनवाए जाने की योजना है. उल्लेखनीय है कि पानी की कमी से जूझ रहे राज्यों को ध्यान में रखते हुए भी इन खास टॉयलेटों को बनाया गया है. जिसमें करीब 4.5 लीटर पानी की जगह सिर्फ 1.5 पानी की जरूरत होगी. सफाई के लिहाज से हर 3 मिनट में खुद 1.5 लीटर पानी से टॉयलेट फ्लश होते रहेंगे…Next


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