प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे 14 सितंबर को बहुप्रतीक्षित बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखेंगे। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस ट्रेन का किराया इतना होगा, जिसे आम लोग वहन कर सकेंगे। इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 2023 है, लेकिन गोयल का कहना है कि हमारी कोशिश रहेगी कि हम इसे 15 अगस्त 2022 को शुरू कर दें। यानी अपने यहां अभी करीब पांच साल बाद बुलेट ट्रेन शुरू होगी, लेकिन कई देशों में पहले से ही बुलेट ट्रेनें दौड़ रही हैं। आइये आपको बताते हैं दुनिया की टॉप पांच बुलेट ट्रेन के बारे में, जिनकी रफ्तार ‘बुलेट’ की तरह ही है।
1. शंघाई मागलेव, रफ्तार 430 KM/h
दुनिया की सबसे तेज रफ्तार ट्रेनों में सबसे पहला नाम शंघाई मागलेव का है। चीन के शंघाई में चलने वाली इस ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 430 किलोमीटर प्रति घंटा और औसत रफ्तार 251 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह ट्रेन 1 जनवरी 2004 को पैसेंजर्स के लिए शुरू की गई थी। शंघाई मागलेव का संचालन शंघाई मागलेव ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट को-ऑपरेशन (एसएमटीडीसी) की ओर से किया जाता है। इस ट्रेन का निर्माण सीमेंस और ताईसेन ग्रुप ने मिलकर किया था। इसमें एक साथ 574 पैसेंजर यात्रा कर सकते हैं।
2. हारमोनी सीआरएच 380ए, रफ्तार 380 KM/h
380 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से चलने वाली चाइना की इस ट्रेन को विश्व की दूसरी सबसे हाईस्पीड ट्रेन माना जाता है। शुरुआत में जब इस ट्रेन का टेस्ट किया गया था, तो इसने 416.6 किमी की रफ्तार का रिकॉर्ड बनाया था। सीआरएच 380ए का संचालन अक्टूबर 2010 में शुरू किया गया। यह ट्रेन बीजिंग से शंघाई के बीच चलती है। इसे सीएसआर क्विंगडाओ सिफांग लोकोमोटिव और रोलिंग स्टॉक कंपनी ने बनाया है। इसे हल्के भार वाली एल्युमिनियम से बनाया गया है। इसका सामने का हिस्सा मछली के जैसा है। यह ट्रेन पूरी तरह वाइब्रेशन फ्री है। इसमें 494 पैसेंजर एक साथ सफर कर सकते हैं। सभी पैसेंजर्स के लिए रीडिंग लैंप, पावर पोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले की सुविधा रहती है।
3. एजीवी इटालो, रफ्तार 360 KM/h
अप्रैल 2007 में 574.8 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से चलकर इस ट्रेन ने रिकॉर्ड बनाया था। एजीवी सीरीज की इस ट्रेन को फिलहाल 360 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड पर चलाया जाता है। यूरोप की सबसे तेज मानी जानी वाली एजीवी इटालो को नापोली-रोमा-फ्रिएंज-बोलोग्ना-मिलानो कॉरिडोर पर चलाया जाता है। इस ट्रेन को फ्रेंच कंपनी एल्स्टोम ने बनाया है। 2008 में इटली की एनटीवी कंपनी ने एल्स्टोम से 25 एजीवी ट्रेन को 650 मिलियन यूरो में खरीदा था। यह ईकोफ्रेंडली ट्रेन है, जिसका 98 प्रतिशत हिस्सा रिसाइकिल हो सकता है। इस ट्रेन में 11 केबिन होते हैं, जो तीन भाग में डिवाइड होते हैं- क्लब क्लास, प्राइम क्लास आौर स्मार्ट क्लास। सारे क्लास में लाइव टेलीविजन और फ्री वाई-फाई की सुविधा है।
4. सिमंस वेलरो ई/एवीएस 103, रफ्तार 350 KM/h
यह विश्व की सबसे तेज चलने वाली हाईस्पीड ट्रेन्स में से एक है। स्पेन में 2007 में रेलवे ट्रैक पर दौड़ी इस ट्रेन की अधिकतम गति 403.7 किलोमीटर प्रतिघंटे है। हालांकि, इसे अभी 350 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड पर दौड़ाया जाता है। बर्सिलोना-मैड्रिड लाइन पर चलने वाली इस ट्रेन को 2011 में स्पेनिश नेशनल रेलवे ने ऑर्डर किया था। इसमें 8 पैसेंजर केबिन होते हैं, जिनमें 404 लोग सफर कर सकते हैं।
5. टैल्गो 350, रफ्तार 350 KM/h
टैल्गो 350 ट्रेन 2005 से मैड्रिड-बर्सिलोना लाइन पर चलाई जाती है। स्पेन में इस तरह की 46 ट्रेनें सेवाएं दे रही हैं। इस ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इस ट्रेन को स्टेट रन रेलवे सिस्टम ऑपरेट करती है। इसमें 2 ड्राइविंग केबिन और 12 पैसेंजर केबिन होते हैं। इसके आगे के हिस्से की डिजाइन हवा के दबाव को हैंडल करने के लिए बनाई गई है। इसमें 4 तरह की सीटिंग फेसिलिटी है- क्लब क्लास, फर्स्ट क्लास, बिस्ट्रो क्लास और कोच क्लास। इस ट्रेन की हर सीट पर एक स्क्रीन लगी होती है, जिसमें पैसेंजर्स के लिए ऑडियो-वीडियो की सुविधा होती है। ट्रैवेल की रियल टाइम इंफॉरमेशन केबिन के दरवाजों और सीट के सामने लगी स्क्रीन पर दी जाती है।
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