भारतीय रेल से देश की लगभग आधी से ज्यादा जनता एक जगह से दूसरे जाती है. ऐसे में लोग ट्रेन को आरामदायक मानते है, क्योंकि उसमें आपको सोने का खूब मौका मिलता है. लेकिन अब भारतीय रेल में सफर करने वाले ध्यान दें, दरअसल जिन्हें ट्रेन में सफर के दौरान सोना बेहद पंसद है वो अब चैन से नहीं सो सकते हैं. रेलवे ने सोने के आधिकारिक समय में एक घंटे की कटौती कर दी है. ऐसा क्यों हुआ है इसका जवाब भी रेलवे ने दिया है.
सोने का समय हुआ कम
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक आरक्षित कोचों के यात्री अब रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक ही सो सकते हैं, ताकि अन्य लोगों को सीट पर बाकी बचे घंटों में बैठने का मौका मिले. इससे पहले सोने का आधिकारिक समय रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक था.
इन लोगों को मिलेगी सोने की छूट
31 अगस्त को जारी सर्कुलर में कहा गया है, ‘आरक्षित कोचों में सोने की सुविधा रात में 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक है और बाकी बचे समय में दूसरे आरक्षित यात्री इस सीट पर बैठ सकते हैं’. सर्कुलर में हालांकि कुछ निश्चित यात्रियों को छूट दी गई है. ‘यात्रियों से बीमार, दिव्यांग और गर्भवती महिला यात्रियों के मामले में सहयोग का आग्रह किया गया है जिससे अगर वे चाहें तो अनुमति वाले समय से ज्यादा चाहें तो सो सकें’.
कई यात्री पूरे सफर के दौरान सोते रहते हैं
वहीं एक अन्य रेलवे अधिकारी ने कहा कि सोने के समय में एक घंटे की कटौती इसलिए की गई क्योंकि कुछ यात्री ट्रेन में चढ़ने के साथ ही अपनी सीट पर सो जाते थे, चाहे वह दिन हो या रात. इससे ऊपर या बीच की सीट के यात्रियों को असुविधा होती थी. मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस नए निर्देश से ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) को भी अनुमति वाले समय से अधिक सोने से संबंधित विवादों को सुलझाने में आसानी होगी…Next
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