भले ही सरकार की कोशिशों के बाद डीजल और पेट्रोल के दामों में कुछ कमी आई हो, लेकिन इस कमी के बावजूद भी ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन (AICOGOA) सरकार के फैसले से खुश नहीं है औऱ देशव्यापी ट्रांसपोर्टर्स ने आज यानी 18 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस दौरान ट्रांसपोर्टर्स खान-पान और कुछ अन्य आवश्यक चीजों की आपूर्ति करते रहेंगे, लेकिन कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सामानों की ढुलाई बंद रहेगी। हालांकि, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) जैसे अन्य संगठनों ने सोमवार की बजाए अगले महीने से हड़ताल शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। हड़ताल का मुख्य कारण है कि कि डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, थर्ड पार्टी प्रीमियम में इजाफा और जीएसटी से जुड़ी परेशानियों के चलते हड़ताल की जा रही है।
डीजल की कीमतें समेत ये हैं कारण
ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन भले ही इस हड़ताल पर हों, लेकिन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का साथ न मिलने से उन्हें ज्यादा मजबूती नहीं मिल रही है। गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन के सिडेंट बी चेन्नारेडी का कहना है कि डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, थर्ड पार्टी प्रीमियम में इजाफा और जीएसटी से जुड़ी परेशानियों के चलते हड़ताल हुई है। उससे पहले सरकार के साथ हुई कई बैठकों का दौर नाकाम रहा था, रिपोर्ट्स के मुताबिक संगठन के सेक्रेटरी कौसर हुसैन ने बताया, देशभर में लोडिंग शनिवार (16 जून) को ही बंद कर दी गई थी और ऐसे में ढुलाई पर असर एक दो दिन में ही दिखने को लगेगा।
इन चीजों की आपूर्ति जारी रहेगी
वैसे इस दौरान जरुरी चीजों की आपूर्ति जारी रहेगी, दूध, सब्जियां, दवाइयां लोगों तक पहुंचती रहेगी। ऑल इंडिया फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि हड़ताल का असर कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड और दिल्ली एनसीआर पर होगा।
ह़ड़ताल का असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर
ह़ड़ताल का असर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल सप्लाई पर ही पड़ेगा। हालांकि, अगर हड़ताल लंबी चली तो कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को सामान की किल्लत भी हो सकती है। ट्रांसपोर्टर्स का आरोप है कि सरकार उनसे डीजल से रोड टैक्स के रूप में 8 रुपए प्रति लीटर और टोल टैक्स के रूप में 8 रुपए प्रति किलोमीटर वसूल कर रही है। इसके कारण ट्रांसपोर्ट और उनसे जुड़े उद्योगों को करीब 3,000 करोड़ का रोजाना का नुकसान हो रहा है।
देशभर के ट्रांसपोर्टर्स पर एआईएएमटीसी की ज्यादा पकड़ मानी जाती है और उसने 20 जुलाई से हड़ताल की घोषणा की है। जीएसटी लागू किए जाने के बाद से ही ट्रांसपोर्टर्स और सरकार के बीच तकरार चल रही है, लेकिन एकजुट हड़ताल न हो पाने की वजह से सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।…Next
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