कहते हैं पानी के लिए किसी को मना नहीं करना चाहिए। किसी प्यासे को पानी पिलाना पुण्य समझा जाता है। आप भी आम जिन्दगी में अपनी पानी की बोतल से अपने दोस्तों के साथ पानी शेयर करते होंगे। अब बात करते हैं भारत की ऐसी जगह की, जहां पर पानी नहीं बल्कि मुफ्त में दूध बांटा जाता है।
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में एक ऐसा गांव है, जहां मवेशी पालक दूध को बेचते नहीं है, बल्कि मुफ्त में देते हैं। लगभग तीन हजार की आबादी वाले बैतूल जिले के चूड़िया गांव में लोग दूध का व्यापार नहीं करते, बल्कि घर में उत्पादित होने वाले दूध का अपने परिवार में उपयोग करते हैं और जरूरत से अधिक उत्पादित होने वाले दूध को जरूरतमंदों को मुफ्त में देते हैं। इस गांव में कोई भी व्यक्ति दूध बेचने का काम नहीं करता।
क्या है वजह
गांव के लोगों का कहना है कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है कि चिन्ध्या बाबा ने ग्रामीणों को सीख दी कि दूध में मिलावट करके बेचना पाप है, इसलिए गांव में कोई दूध नहीं बेचेगा और लोगों को दूध मुफ्त में दिया जाएगा। संत चिन्ध्या बाबा की बात पत्थर की लकीर बन गई और तभी से गांव में दूध मुफ्त में मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन हजार की आबादी वाले गांव में 40 प्रतिशत आबादी आदिवासी वर्ग की है, वहीं 40 प्रतिशत लोग ग्वाले हैं, जिस वजह से यहां बड़ी संख्या में मवेशी पालन होता है। इसके अलावा यहां अन्य जाति वर्ग की आबादी 20 प्रतिशत है।
चिन्ध्या बाबा की बात पर लोग करते हैं अमल
गांव के प्रमुख किसान सुभाष पटेल का कहना है, ‘चिन्ध्या बाबा ने दूध न बेचने की बात इसलिए कही थी ताकि दूध का उपयोग गांव के लोग ही कर सकें, जिससे वे स्वस्थ रहें। चिन्ध्या बाबा की कही बात को गांव के लोग अब भी मानते आ रहे हैं। जिन घरों में दूध होता है और जिन्हें मिलता है, वे स्वस्थ हैं।’ उन्होंने कहा, ‘गांव का कोई भी परिवार दूध नहीं बेचता है यदि दही भी बनाई जाती है, तो उसे भी बांट दिया जाता है।…Next
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