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क्या यही है टाइट आंतरिक सुरक्षा – वाराणसी आतंकी हमला

महादेव की महानगरी, घाटों की नगरी एक बार फिर आतंकियों के नापाक मंसूबों का शिकार हुई. मगंलवार 07 दिसम्बर को वाराणसी में शाम के समय गंगा आरती के वक्त दशाश्वमेध के पास शीतला घाट पर एक जबरदस्त बम धमाका हुआ जिसमें अब तक 2 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 40 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल हुए हैं.


Varanasi-Blastवाराणसी के शीतला घाट पर उस वक्त धमाका हुआ जब गंगा जी की महाआरती की जा रही थी. शाम 6.45 पर यह धमाका हुआ. विस्फोट के कारण गंगा आरती को बीच में रोकना पड़ा. मौके से दो और बम बरामद होने से साफ है कि आतंकियों ने यहां सिलसिलेवार बम धमाके की साजिश रची. सभी बमों को टाइमर के साथ लगाया गया था.


प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आरतीस्थल से लगभग 20 मीटर दूर विस्फोट हुआ. उस दौरान आरती देखने के लिए मौके पर हजारों लोग जमा थे. लगभग साढ़े छह बजे विस्फोट हुआ. चपेट में आने से आधा दर्जन लोग वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े. दो दर्जन अन्य लोगों को भी गहरी चोट आयी. घाट समेत आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गयी. लोग गिरते-पड़ते भागने लगे.


हमले के तुरंत बाद इंडियन मुजाहिद्दीन ने इसकी जिम्मेदारी ले एक इमेल के जरिए बता भी दिया कि वह भारत को और दर्द देना चाहता है.


Blast-in-Varanasi14आस्था और धार्मिक महत्व की इस नगरी को पहले भी आतंकियों ने निशाना बनाया था. हमले से भारत की सुरक्षा में सेंध की बात भी सामने आई है जिसे गृह मंत्री पी चिदंबरम ने स्वीकार किया.


हमले को देखते हुए देश भर में अलर्ट जारी किए गए. बनारस में अर्द्ध सैनिक बलों की संख्या बढ़ा कर पूरे इलाके में हाई एलर्ट गया दिया गया है.

हमले ने न सिर्फ भारतीय आस्था पर करार प्रहार किया है बल्कि खुद को शेर मानने वाली भारतीय खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल खड़े किए हैं.


हालांकि अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि विस्फोट में  अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया था. अब तक मरने वालों की संख्या दो हो चुकी है जिसमें डेढ़ साल की स्वास्तिका नाम की एक बच्ची और इटली का एक नागरिक शामिल है.


लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वाराणसी में अशांति का माहौल ज्यादा देर तक टिक नहीं सका और आज सुबह हमेशा की तरह घाट पर चहल-पहल देखने को मिली जो आतंकियों के लिए एक करार जवाब था. घाटों की नगरी ने दिखा दिया कि वह आतंकियों के किसी भी मंसूबे को सफल नहीं होने देगी. पर जो सवाल भारत की सुरक्षा एजेंसियों के सामने है वह सबसे अहम और विचारणीय है. पी. चिंदबरम सहित सभी अहम नेताओं को इन हमलों के जवाब में जल्द से जल्द कार्यवाही कर कोई ऐसा कारनामा करना होगा ताकि दुबारा कोई हमारी आस्था और जनता के साथ खिलवाड़ न सके.

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