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असम में कांग्रेस तो तमिलनाडु में जयललिता

देश के पांच राज्यों की विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव की मतगणना चालू है. अब तक के रुझानों के अनुसार पश्चिम बंगाल में पिछले 34 साल के वाम दलों को नेतृत्व की जड़ों को ममता बनर्जी ने उखाड़ फेंका है और ऐसा ही  कुछ तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक की तरफ से जयललिता करने वाली हैं.


Jeyalalithaaतमिलनाडु में पिछले काफी समय से भ्रष्टाचार का मुद्दा हावी रहा है. 2 जी मामले में ए राजा फंसे तो उसी की लपेट में करुणानिधि की बेटी कनिमोझी भी फंसी हुई हैं. भ्रष्टाचार के मामले को जयललिता ने आड़े हाथों लिया और इस बात का उन्हें फायदा भी पहुंच रहा है. शुरुआती परिणामों के अनुसार अन्नाद्रमुक चिर प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक से काफी आगे चल रही है और 190 सीटों पर उसके उम्मीदवार जीत की राह पर हैं जबकि 234 सदस्यीय विधानसभा में द्रमुक 38 सीटों पर आगे है. अन्नाद्रमुक की सहयोगी डीएमडीके चार विधानसभा क्षेत्रों में आगे चल रही है.


लेकिन बंगाल और तमिलनाडु से उलट असम में सत्ता परिवर्तन की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. असम में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ सकती है. असम में सत्तारूढ़ कांग्रेस 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से अब तक 81 सीटों पर आगे चल रही है जबकि दो पर जीत दर्ज कर लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता पर काबिज होने जा रही है.


अब तक के परिणामों के हिसाब से कांग्रेस अकेले ही सरकार बनाने की स्थिति में दिख रही है, लेकिन गोगोई ने कहा कि कांग्रेस को अकेले बहुमत हासिल हो जाने की स्थिति में भी सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) सरकार का हिस्सा बनी रहेगी क्योंकि इसने मुश्किल घड़ी में कांग्रेस की मदद की है. गोगोई पिछले दो बार से लगातार सत्ता पर काबिज रह चुके हैं और असम क्षेत्र में उनकी पकड़ बहुत मजबूत है जिसकी वजह से चुनावों में उनकी जीत पक्की मानी जा रही है.


पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से दो राज्यों में ही बड़े बदलाव दिखने की आशंका है वरना असम और केरल में तो पिछली बार की ही सरकार देखने की उम्मीद है और पुडुचेरी की स्थिति अभी भी साफ नहीं है.


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