जहाँ एक ओर भ्रष्टाचार के नये-नये तरीके सामने आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के तरीकों पर भी दिमाग खर्च किया जा रहा है. बिहार की राजधानी पटना में 03 दिसम्बर को जिस तरह से भ्रष्टाचार के एक आरोपी को पकड़ा गया है वह प्रशंसनीय है. उस आरोपी की अवैध संपत्ति 2.05 करोड़ के आसपास बताई जा रही है. इस आरोपी का नाम ललन प्रसाद सिंह है जो पटना नगर निगम में अभियंता (इंजीनियर) के पद पर कार्यरत है. पढ़िए कैसे फिल्मी तरीके से इस अभियंता के घर व कार्यालय पर मारा गया छापा….
निगरानी जाँच ब्यूरो ने खुफिया-तंत्रों से मिली सूचना के आधार पर छापेमारी के लिए अपने तीन दल बनाए. इन दलों को अभियंता ललन प्रसाद सिंह से संबंधित विभिन्न जगहों पर भेजा गया. हालांकि इस योजना को अत्यंत गोपनीय रखा गया था. यह इतना गोपनीय था कि स्वयं दल में शामिल लोगों को भी पता नहीं था कि वो ‘कहाँ’ और ‘किसके’ यहाँ छापेमारी के लिए जा रहे हैं. जाँच के दौरान उन्हें इस बात की जानकारी हुई. निगरानी जाँच ब्यूरो का एक दल मौर्या लोक स्थित ललन प्रसाद सिंह के कार्यालय में पहुँचकर काग़जों को खंगालने लगा. इस बात की भनक लगते ही ललन प्रसाद सिंह वहाँ से खिसक गये. लेकिन निगरानी दल तो पूरी तैयारी के साथ आई थी. इसलिए दल के सदस्य ललन के पीछे नहीं गये. उधर निगरानी विभाग का एक दल ललन सिंह के पाटलिपुत्र में स्थित महल-सरीखे आलीशान घर के भीतर अपने कार्य को अंजाम देने में लगी थी.
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सब कुछ निगरानी दल की योजना के मुताबिक हो रहा था. ललन प्रसाद सिंह कार्यालय से निकल कर अपने घर नहीं पहुँचे. उन्हें शायद इस बात का अंदेशा पहले ही हो गया था. उनका शक सच साबित हुआ जब उनकी पत्नी ने उन्हें फोन करके घर पर चल रही छापेमारी के बारे में बताया. इस छापेमारी के दौरान निगरानी जाँच ब्यूरो के दल को 30 से ज्यादा बैंक-पासबुक(जो उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर है) और कई अहम जानकारियाँ मिली है, लेकिन जो सबसे ज्यादा महत्तवपूर्ण चीज़ उनके हाथ आई वो ललन प्रसाद सिंह के दो पैन-कार्ड हैं. दोनों पैन-कार्ड पर नाम तो एक है लेकिन दोनों के पते अलग हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उन्होंने अपनी अवैध कमाई को कम दिखाने या आयकर विभाग की पकड़ में न आने का इंतजाम पहले से ही किया हुआ था.
निगरानी ब्यूरो के दस्ते ने पहले ही यह पता लगा लिया था कि ललन प्रसाद सिंह का एक मकान मुम्बई में भी है. मुम्बई स्थित उनके घर के पते पर खुलवाया गया एक बैंक-खाता इसकी पुष्टि करता है. निगरानी ब्यूरो के एडीजी रवींद्र कुमार ने बताया कि, ‘ललन प्रसाद सिंह की सेवा के दौरान मिली आय के हिसाब से उनकी अनुमानित आय 51 लाख रूपए तक हो सकती है लेकिन पाटलिपुत्र स्थित उनके घर की कीमत ही 1.5 करोड़ रूपए से ज्यादा है.’ इसके अलावा निगरानी ब्यूरो के दल को दिल्ली में भी उनका मकान होने के पुख्ता सुबूत मिले हैं.
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क्या देश से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए भ्रष्टाचारियों पर ऐसे ही नकेल कसी जानी चाहिए? आप अपनी राय देकर भ्रष्टाचार के खिलाफ किए जा रहे ऐसे प्रयासों को अपना समर्थन दे सकते हैं. Next……
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