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ये है देश का VVIP पेड़, रख रखाव में खर्च होते हैं हर महीने लाखों रुपए

नेताओं को या फिर फिल्म स्टार और क्रिकेटर को तो अक्सर वीवीआपी ट्रीटमेंट मिलता है, लेकिन आपको जानकर होगी की भारत के एक शहर में एक ऐसा पेड़ भी है जिसे वीवीआपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। ये पेड़ इतना खास है कि इसकी सुरक्षा के लिए चौबीस घंटे पहरेदार भी लगे होते हैं, ताकि इसे किसी तरह का कोई नुकसान न हो सके। ये पेड़ है मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जिसे देश का सबसे वीवीआईपी पेड़ माना जाता। यह बोधि पेड़ 15 फीट की ऊंचाई पर है, जिसे एक पहाड़ी पर बनाया गया है। इसकी सिक्योरिटी चार से पांच गार्ड मिलकर करते हैं। पेड़ को बचाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी हर हफ्ते दौरा करते हैं। इसके रखरखाव में हर महीने लाखों रुपए का खर्च आता है।

Shilpi Singh
Shilpi Singh23 Jun, 2018

 

 

क्यों खास है यह पेड़ ?

दरअसल यह एक बोधि वृक्ष है जो 100 एकड़ की सलामतपुर की पहाड़ी पर लगा हुआ है। साल 2012 में 21 सितंबर को श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे ने इस बोधि वृक्ष को यहां पर लगाया था। यह वीवीआईपी पेड़ लोहे की करीब 15 फीट ऊंची जाली के अंदर हर वक्त होमगार्ड्स की निगरानी में रहता है। आपको बता दें कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए इस बोधि वृक्ष का खास महत्व है। बौद्ध धर्मगुरू की मानें तो बोधगया में भगवान बुद्ध ने इसी पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था।

 

 

हर साल खर्च होते हैं तकरीबन 12-15 लाख रुपए

खबरों के मुताबिक इस वीवीआईपी पेड़ के मेंटेनेंस पर हर साल तकरीबन 12-15 लाख रुपए खर्च होते हैं। इस पेड़ की सुरक्षा में तैनात एक गार्ड ने बताया कि साल 2012 में उसकी यहां तैनाती हुई थी। उन्होंने बताया कि पहले इस बोधि वृक्ष को देखने बहुत लोग आते थे, हालांकि अब लोगों की संख्या में थोड़ी कमी आई है।

 

 

पेड़ तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क

पेड़ के लिए पानी की कमी न हो इसका ध्यान रखा जाता है। पूरी पहाड़ी को बौद्ध विश्वविद्यालय के लिए आवंटित किया गया है। पूरा क्षेत्र बौद्धिस्ट सर्किट के तौर पर विकसित किया जा रहा है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि जिस यूनिवर्सिटी के नाम पर इस पेड़ को रोपा गया था, उस यूनिवर्सिटी की बाउंड्री पिछले 5 सालों से टूटी हुई हैं। जिसको बनवाने के लिए सरकार के पास फंड नहीं है। इस पेड़ का एक पत्ता भी सूखे तो प्रशासन चौकन्ना हो जाता है, पेड़ तक पहुंचने के लिए भोपाल-विदिशा हाईवे से पहाड़ी तक पक्की सड़क भी बनाई गई है।…Next

 

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