जरा सोचिए! आप किसी रेगिस्तानी इलाके में फंस गए हैं। आपके पास खाने का सामान, पैसे और कीमती चीजें हैं लेकिन आपको प्यास लगती है और आपको पानी नहीं मिलता। आसपास दुकानें भी हैं लेकिन दुकानों पर पानी नहीं है। आप खरीद पाने की स्थिति में भी हैं लेकिन पानी खत्म हो चुका है। मतलब संसाधन खत्म हो जाने के बाद आप कितनी भी कीमत अदा करके पानी नहीं खरीद सकते। कल्पना से अलग इस बात को गहराई से समझें, तो आज से कुछ दशकों बाद ऐसी स्थिति सामने खड़ी हो, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। धरती पर पानी का स्तर घटता जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि हमें जितनी भी मात्रा में पानी उपलब्ध होता है, उसमें से हम काफी मात्रा में पानी बर्बाद कर देते हैं। ऐसा ही चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब पानी के लिए तृतीय विश्वयुद्ध छिड़ जाएगा। बहरहाल, महाराष्ट्र से एक ऐसा ही मामला सामने आया। यहां के कई इलाकों में पानी की कमी के चलते लड़ाई-झगड़े होना आम बात है। यहां पानी की कीमत सोने, चांदी से कम नहीं है।
पानी की टंकी में ताला लगाकर लगते हैं लोग
यहां पर लोगों को महीने में एक बार पीने का पानी सप्लाई होता है इसलिए पीने के पानी की चोरी हो रही है। लोगों ने पानी की चोरी बचाने के लिए पानी की टंकियों में ताला डालना शुरू कर दिया है। नासिक के मनमाड कस्बे में हालात यह है गए हैं कि यहां पर पानी पर डाका डाला जा रहा है। यहां पर एक व्यक्ति ने पुलिस में पानी चोरी की एफआईआर भी दर्ज कराई है। शिकायतकर्ता के अनुसार यह घटना श्रावस्तीनगर के रहने वाले विलास अहीर के घर पर हुई। उन्होंने बताया कि उनके घर के छत पर पानी की टंकी है। उसमें पांच सौ लीटर पानी थी। टंकी से ढाई सौ लीटर पानी चोरी हो गया है।
पानी की चोरी पर धारा लगाने की दुविधा
विलास ने अपनी शिकायत में बताया है कि उनकी टंकी का पानी प्योरिफाई था। इस पीने के पानी की जब उन्हें कमी लगी तो उन्होंने टंकी में जाकर देखा, तो उसमें पानी आधा बचा था। थाने में दी गई विलास की तहरीर को पुलिस ने मजाकिया तौर पर लिया। हालांकि, विलास ने इसे गंभीर मामला बताया। पुलिस ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि पानी चोरी की रिपोर्ट किस धारा में दर्ज करें।
विलास ने कहा कि पुलिस को हम लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। पुलिस को पानी चोरी करने वाले शख्स को पकड़ना चाहिए। हम लोग पानी की टंकी में ताला डालकर रख रहे हैं ताकि पानी चोरी न हो। पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस पर कार्रवाई कर रही है।
21 मई को सचिव जारी करेंग़े रिपोर्ट
सूखाग्रस्त महाराष्ट्र के लिए 6 मई को चुनाव आयोग ने राहत दी थी और सरकार को ऐसे इलाकों के लिए बजट जारी करने की अनुमति दे दी थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी जिम्मेदारों को निर्देश दिए हैं कि जिलों में निरीक्षण करें और सूखा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाएं। वहीं सचिवों को 21 मई तक सूखाग्रस्त इलाकों की रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।…Next
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