West Bengal Assembly Election-2011
पश्चिम बंगाल के चुनावों के नतीजे आज शाम तक आ जाएंगे और शाम तक यह भी साफ हो जाएगा कि ममता बनर्जी रेल मंत्रालय से निकलकर मुख्यमंत्री आवास में जाती हैं या नहीं. पश्चिम बंगाल में पिछले कई सालों से बुद्धदेव भट्टाचार्य की सरकार राज कर रही है और लगता है इससे अब वहां की जनता ऊब चुकी है.
शुरुआती गिनती में तृणमूल कांग्रेस के सिपाही ममता बनर्जी वाम दलों के सेनापति पर भारी नजर आ रही हैं. इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस बहुत मजबूती से उभरी है और अब वो अकले सरकार बनाने की स्थिति में भी पहुंच सकती है. 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में दोपहर 1 बजे तक हुई गिनती के अनुसार तृणमूल कांग्रेस दो तिहाई बहुमत से आगे थी जिससे साफ होता है कि अगर नतीजों में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ तो ममता बनर्जी की सरकार बननी तय है. प. बंगाल की तस्वीर इस बार कुछ-कुछ बिहार की तरह नजर आ रही है जहां नीतीश कुमार ने भारी बहुमत से विजय पाई थी.
विद्रोही तेवर, सशक्त भाषण और मात्र एक शब्द के नारे के साथ उतरी दीदी ममता ने प. बंगाल की आवाम को वाम के खिलाफ कर दिया है. “परिवर्तन” का नारा लगाकर ममता बनर्जी ने जनता से आग्रह किया था कि इस बार चलो कुछ बदलाव करें और विकास हासिल करें.
गौरतलब है कि पिछले कई सालों से प. बंगाल में बुद्धदेव भट्टाचार्य की सरकार है और बुद्धदेव भट्टाचार्य प. बंगाल की जनता को सिर्फ बुनियादी जरुरतों के अलावा और कुछ भी देने में असमर्थ रहे हैं. प. बंगाल देश के उन राज्यों में से है जो देखने में तो ऊपर से बहुत संपन्न दिखता है लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल उलट है.
अगर इस बार ममता बनर्जी की सरकार बनती है तो प. बंगाल की जनता को उनसे बेहतर काम की उम्मीद होगी जिसके लिए उन्हें दीदी कहा जाता है. ममता बनर्जी महिला सशक्तिकरण की आदर्श उदाहरण हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर में बेहद सादगी से ऊंचाइयां पाई हैं.
प. बंगाल की असली तस्वीर आज शाम तक पूरी तरह साफ हो जाएगी. इसके साथ ही चार अन्य राज्यों तमिलनाडु, पांडिचेरी, असम और केरल में भी विधानसभा चुनावों के नतीजे आज शाम तक आ जाएंगे.
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