मेजर लीतुल गोगोई के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। एक अधिकारी के अनुसार श्रीनगर में स्थानीय महिला से दोस्ती रखने के दोष में उनका पद घटाया जा सकता है। मेजर गोगोई 2017 में पत्थरबाजी करने वाले एक युवक को जीप के आगे बांधने की वजह से चर्चा में आए थे।
ऐसे में उनके कोर्ट मार्शल से गुजरने की प्रक्रिया को लेकर आम लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं। आइए, जानते हैं क्या है कोर्ट मार्शल।
क्या होता है कोर्ट मार्शल
यह एक तरह की कोर्ट होती है। जो खास आर्मी कर्मचारियों के लिए होती है। इसका काम आर्मी में अनुशासन तोड़ने या अन्य अपराध करने वाले आर्मी मैन पर केस चलाना, उसकी सुनवाई करना और सजा सुनाना होता है। ये ट्रायल मिलिट्री लॉ के तहत होता है। इस लॉ में 70 तरह के क्राइम को लेकर सजा का प्रावधान है। कोर्ट मार्शल चार तरह का होता है।
फांसी, उम्रकैद या एक तय समयावधि के लिए सजा सुनाई जा सकती है।
सर्विसेज से बर्खास्त किया जा सकता है।
रैंक कम करके लोअर रैंक और ग्रेड की जा सकती है।
वेतन वृद्धि, पेंशन रोकी जा सकती है। अलाउंसेज खत्म किए जा सकते हैं। जुर्माना लगाया जा सकता है।
नौकरी छीनी जा सकती है। फ्यूचर में मिलने वाले सभी तरह के बेनिफिट जैसे पेंशन, कैंटीन बेनिफिट, एक्स सर्विसमैन बेनिफिट खत्म किए जा सकते हैं।
क्या है पूरा मामला
23 मई 2018 को उस समय विवाद खड़ा हुआ था जब यह खबर फैली थी कि सेना के एक अधिकारी को एक नाबालिग लड़की के साथ स्थानीय होटल से पुलिस ने गिरफ्तार किया। यह मामला ज्यादा तूल तब पकड़ने लगा जब यह पता चला कि पकड़ा गया अधिकारी वह है, जिसने बड़गाम जिले में उपचुनाव के दौरान एक स्थानीय युवक को ‘ह्यूमन शील्ड’ बनाया था।
दो आधार पर दोषी
मेजर गोगोई और उनके ड्राइवर के खिलाफ फरवरी में साक्ष्य संग्रह पूरा होने के बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई। दोनों को दो आधार पर दोषी पाया गया है। उन्हें निदेर्श के विपरीत स्थानीय महिला से दोस्ती करने और सैन्य-अभियान क्षेत्र में कार्यस्थल से दूर होने को लेकर उन्हें दोषी माना गया है।
होटल में कमरा नहीं मिला था
पुलिस ने मेजर के साथ उनके ड्राइवर और एक स्थानीय महिला को 2018 में तब हिरासत में लिया था, जब वे एक स्थानीय होटल में गए थे। वहां होटल के मैनेजर ने उन्हें रात्रि विश्राम के लिए कमरा देने से मना कर दिया था। मेजर गोगोई को जम्मू-कश्मीर में विद्रोह का सामना करने के लिए राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन में तैनात किया गया था।…Next
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