“मेरी बेटियों को वापस ले आओ या मुझे गोली मार दो” पाकिस्तान में ऐसी ही फरियाद करके एक व्यक्ति हर आने-जाने वालों से मौत मांग रहा था। देखते ही देखते उस व्यक्ति का वीडियो पाकिस्तान ही नहीं भारत में भी वायरल हो गया। पाकिस्तान में हिन्दू नाबालिग लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराकर शादी के मामले पिछले काफी समय से सामने आते रहे हैं। होली के मौके पर सिंध प्रांत के घोटकी जिले से रवीना (13) और रीना (15) को ‘रसूखदार’ लोगों ने कथित रूप से अगवा कर लिया था। उनके अपहरण के कुछ वक्त बाद ही, एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक काजी दोनों का निकाह शादी करा रहा था। इन बच्चियों के पिता ने पाकिस्तान पुलिस के पास मामला दर्ज कराने की बहुत कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया।
मामले के मीडिया में आने के बाद बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने रिपोर्ट तलब करने को कहा। वहीं, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस पूरे मामले पर भारतीय हाई कमिशन से रिपोर्ट मांगी है। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बीते कई दशकों से ऐसी खबरें सामने आ रही है। ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए 2017 में हिन्दू मैरिज बिल पास किया था। जो फिलहाल कमजोर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
आइए, जानते हैं पाकिस्तान का हिन्दू मैरिज एक्ट।
Mr.Minister @fawadchaudhry – I only asked for a report from Indian High Commissioner in Islamabad about the kidnapping and forced conversion of two minor Hindu girls to Islam. This was enough to make you jittery. This only shows your guilty conscience. @IndiainPakistan
— Chowkidar Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) March 24, 2019
66 साल से नहीं होता था हिन्दू शादियों का रजिस्ट्रेशन
इस बिल में हिंदुओं की शादी, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान करने की बात की गई है।
नए बिल के कानून बनने के बाद पाकिस्तान में हिंदुओं की शादियों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। बीते 66 सालों से यहां हिंदुओं की शादी रजिस्टर्ड नहीं होती थी, इससे यह समुदाय बेहद असुरक्षित महसूस करता था। इनके अलावा तलाक और जबरन धर्मपरिवर्तन जैसे मसलों का आसानी से समाधान निकाला जा सकेगा। अब तक यहां हिंदू समुदाय के लोगों खासकर महिलाओं को अपनी शादी को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं होता था। इनके अलावा यह समुदाय पुनर्विवाह, संतान गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे कानूनी अधिकारों से वंचित था। नए कानून से पाकिस्तान में हिंदू महिलाओं के अपहरण की घटनाओं पर भी लगाम लगने की उम्मीद की जा रही थी।
1998 जनगणना के अनुसार 25 लाख हैं हिन्दू
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी वहां की जनसंख्या का महज 2 फीसदी है। 1998 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 25 लाख थी। भारत की संसद ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में पारित किया था। हिंदू विवाह को लेकर भारतीय कानून और पाकिस्तान के कानून में बहुत फर्क है। पाकिस्तान में हिंदू विवाद अधिनियम वहां के हिंदू समुदाय के लोगों पर लागू होता है। जबकि भारत में हिंदू मैरेज एक्ट हिंदुओं के अलावा, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय पर लागू होता है। पाकिस्तान में विधेयक में हिंदू विवाह पंजीकरण के नियमों का उल्लंघन करने पर छह महीने कैद की सजा का प्रावधान है।…Next
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