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कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति – भाग एक

Who will be next President?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. इस देश का सर्वोच्च राजनीतिक पद देश के राष्ट्रपति पद को माना जाता है. देश का राष्ट्रपति हमारे देश का प्रतिनिधत्व करता है. उसके अधिकार में ऐसी कई शक्तियां होती हैं जो देश के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होती हैं. भारत की 15वीं राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल अगले महीने यानि जुलाई 2012 में पूरा हो जाएगा. उनके बाद इस पद को कौन संभालेगा यह अभी कोई नहीं कह सकता. राजनीति की बिसात बिछ चुकी है जिस पर लगता है सच्चाई और ईमानदारी की कोई जगह नहीं है. यहां कुछ लोग प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तक को राष्ट्रपति पद के लिए एक सशक्त उम्मीदवार के तौर पर देखते हैं जिनके कार्यकाल में देश में सबसे बड़े घोटालों की लंबी लाइन लग गई है.


Who will be the next President of India?


देश के सोलहवें राष्ट्रपति पद के लिए इस समय जो चंद नाम उभर कर सामने आ रहे हैं उनमें मुख्य हैं:


  1. सोमनाथ चटर्जी
  2. एपीजे अब्दुल कलाम
  3. मनमोहन सिंह
  4. प्रणव मुखर्जी
  5. हामिद अंसारी


इनमें से एपीजे अब्दुल कलाम को जहां आरजेडी का समर्थन नहीं मिलेगा तो वहीं सोमनाथ चटर्जी को खुद उनकी पार्टी का समर्थन नहीं है. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को सिरमौर कांग्रेस ने ही नकार दिया है और मनमोहन सिंह के बारे में तो कांग्रेस का बयान है कि “वह जहां हैं वहीं सही हैं (लगता है उनका मतलब है इनसे यह पद संभल जाए वही सही है)” अब रही बात हामिद अंसारी की तो उन पर संशय बरकरार है. आइए एक नजर डालते हैं इन पांचों लोगों पर जो हमारे देश के अगले संभावित राष्ट्रपति हो सकते हैं:


सोमनाथ चटर्जी

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष रह चुके सोमनाथ चटर्जी की छवि बेहद बेदाग रही है. 25 जुलाई, 1929 को श्री एन.सी. चटर्जी और श्रीमती वीणापाणि देवी के सुपुत्र के रूप में तेजपुर, असम में जन्मे श्री चटर्जी की शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता और यूनाइटेड किंगडम में हुई. सोमनाथ चटर्जी ने 1968 में कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. सीपीआई(एम) के समर्थन से वर्ष 1971 में वह पहली बार स्वतंत्र प्रभारी के रूप में लोकसभा पहुंचे. वह नौ लोकसभा चुनावों में विजयी रहे. चौदहवें लोकसभा चुनावों में दसवीं बार सोमनाथ चटर्जी बोलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनावों में विजयी रहे. इस जीत के साथ ही वह लोकसभा के अध्यक्ष भी नियुक्त किए गए.


छवि एक बेहतरीन इंसान की

राजकोषीय अखंडता पर कायम सोमनाथ चटर्जी जब कभी अपने परिवार के किसी सदस्य को अपने साथ विदेश दौरे पर लेकर जाते थे, तो उसका खर्च वह खुद वहन करते थे. बेहद बेदाग छवि के सोमनाथ चटर्जी को हालांकि उनकी ही पार्टी का समर्थन हासिल नहीं है लेकिन अगर किसी सूरत में प्रणव मुखर्जी राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर होते हैं तो सोमनाथ चटर्जी को हम अवश्य राष्ट्रपति के रूप में देख सकते हैं और इससे भी बड़ी बात सोमनाथ दा को दीदी यानी ममता बनर्जी का समर्थ भी हासिल है (ममता बनर्जी का समर्थन यानी टीम में रजनीकांत का होना ).


एपीजे अब्दुल कलाम

भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम को बेशक कुछ राजनीतिक पार्टियों खासकर कांग्रेस का समर्थन हासिल ना हो लेकिन इस महान इंसान को देश का समर्थन जरूर हासिल है. चाहे फेसबुक पर वोट कराइए या फिर जनता से पोलिंग करा लीजिए एपीजे अब्दुल कलाम को ही देश का राष्ट्रपति बनने का समर्थन मिलेगा.


लेकिन दुविधा यह है कि एपीजे अब्दुल कलाम बेहद शांत और राजनीति से दूर रहने वाले इंसान हैं. कांग्रेस (जिसके हाथ में लगता है इस समय राष्ट्रपति पद की कमान है) वह एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति नहीं देखना चाहती. जिस पार्टी के कार्यकाल में देश का अनगिनत धन घोटालों की भेंट चढ़ गया हो वह शायद ही एपीजे अब्दुल कलाम जैसे ईमानदार इंसान को देश का राष्ट्रपति बनाना चाहेगी.


एक इंजीनियर और वैज्ञानिक के तौर पर तो कलाम का कोई सानी नहीं है लेकिन राजनीति से दूर रहने वाले अब्दुल कलाम ने अपने राष्ट्रपति काल में देश के विकास के लिए कई अहम कार्य किए थे जो उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाती है. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को विज्ञान के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत के नागरिक सम्मान के रूप में 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, 1997 में भारत रत्न प्रदान किए जा चुके हैं.



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