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Who will be the Next President?: कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति – भाग दो

कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति – भाग दो

देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इस बात का जवाब अभी कोई नहीं दे सकता. अभी तक जिन पांच नामों पर संशय है हो सकता है उनसे इतर कोई अन्य इस पद की शोभा बढ़ाए. अभी तक हमने एपीजे अब्दुल कलाम और सोमनाथ चटर्जी के विषय में बातें की अब चलिए एक नजर डालते हैं अन्य संभावित राष्ट्रपतियों पर:


President_SL_June_13_2012मनमोहन सिंह

राष्ट्रपति पद की दौड़ में यह नाम सिर्फ दीदी यानि ममता बनर्जी की पसंद है. एक समय मनमोहन सिंह ने देश को घनघोर आर्थिक संकट से उबारने में बेहद अहम और निर्णायक भूमिका निभाई थी. उस समय मनमोहन जी देश के हीरो बनकर उभरे थे लेकिन हाल के सालों में जब से वह प्रधानमंत्री हैं तब से उनकी जमकर आलोचना हो रही है. उनपर चुटकुले बनाए जाते हैं, उनका मखौल उड़ाया जाता है. मनमोहन सिंह को लोग सोनिया गांधी के हाथ की कठपुतली तक कहते हैं. बेहद शांत और गंभीर स्वभाव के मनमोहन सिंह का जरूरत से ज्यादा चुप रहना और अकसर मजबूरी का बहाना बनाना उनकी छवि के लिए एक ऐसे काले दाग के रूप में साबित हुआ है जो किसी सर्फ या डिजरजेंट से नहीं धुल सकता.


हालांकि कांग्रेस यह साफ कर चुकी है कि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री ही बने रहेंगे. ऐसे बहुत ही कम आसार हैं कि हमें मनमोहन सिंह जी राष्ट्रपति दौड़ में शामिल दिखें.


प्रणव मुखर्जी

कांग्रेस के पुरोधा और यूपीए सरकार के संकटमोचक प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे निकलते दिख रहे हैं. सर्वविदित है कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को सरकार में नंबर दो पोजीशन पर माना जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रणव ही सरकार के सूत्रधार रहे हैं. वह सही मायने में सरकार के और कांग्रेस के संकटमोचक रहे हैं. नीतियों से लेकर रणनीतियों तक, सब कुछ प्रणब की सूझबूझ और रजामंदी से ही तय होता आया है. मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्री के प्रधानमंत्री होने के बावजूद आर्थिक फ्रंट पर प्रणब की भूमिका अहम होती आई है.


लेकिन खुद कांग्रेस आलाकमान ने यदि प्रणब को राष्ट्रपति बनाने का फैसला लिया है, तो यह फैसला किसी पुख्ता रणनीति के बाद ही लिया गया है, यह मानना होगा. प्रणब के संगठन से बाहर जाने पर राहुल गांधी की भूमिका भी अपने खांचे में फिट हो सकती है. चर्चा है कि प्रणब के बाद आर्थिक मामलों के पुराने जानकार सी. रंगराजन को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जानी है.


रुको रुको……

दादा का नाम कांग्रेस को तो भा गया है लेकिन दीदी को नहीं. बिना दीदी के ना कांग्रेस अपना राष्ट्रपति बना सकती है और अगर दीदी नाराज हुई तो भइया प्रधानमंत्री और सरकार भी जा सकती है. दीदी प. बंगाल का नेतृत्व जरूर करती हैं लेकिन समय आने पर वह दिखा देती हैं कि वह देश की बागडोर को किस हद तक हिला सकती है. ममता बनर्जी और मुलायम सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेस में यह साफ कर दिया है कि वह प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति पद के लिए नहीं देखना चाहते. ममता बनर्जी बंगाली राष्ट्रपति का इतना मुखर विरोध करेंगी, इसका भी किसी को अंदाजा नहीं था.


हामिद अंसारी


यूं तो हामिद अंसारी को राष्ट्रपति की दौड़ में सबसे पीछे माना जा रहा है लेकिन देश के इतिहास में अकसर उप राष्ट्रपति को राष्ट्रपति बनाने का चलन रहा है. और सबसे बड़ी बात हामिद अंसारी को कांग्रेस का समर्थन हासिल है. लेकिन  हामिद अंसारी को ममता बनर्जी का समर्थन नहीं है. ऐसा ना हो कि अंत में सारी बाजी ममता बनर्जी के वोट से ही पलट जाए.मोहम्मद हामिद अंसारी भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति हैं. 10 अगस्त, 2007 को हामिद अंसारी भारत के 13 वें उपराष्ट्रपति के रूप मे निर्वाचित किए गए.


Who will be the next president: कौन बनेगा अगला राष्ट्रपति – भाग एक

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