बीते कुछ दिनों से सुप्रीम कोर्ट से कई ऐतिहासिक फैसले आ रहे हैं। इसी कड़ी में सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसला आया है। सबरीमाला मंदिर में अब किसी भी एज ग्रुप की महिलाओं को एंट्री से नहीं रोका जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में हर उम्र वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का रास्ता खोल दिया है। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यों की संवैधानिक बेंच ने 4-1 के बहुमत से फैसला सुनाया।
महिलाओं के अधिकारों का हनन
शनि शिंगणापुर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने माना कि महिलाओं को प्रतिबंधित करना अनुच्छेद 25 के प्रावधान 1 का उल्लंघन है। जस्टिस नरीमन ने केरल हिन्दू धर्म स्थल के नियम 3(बी) को निरस्त किया। वहीं जस्टिस चन्द्रचूड़ ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि महिला रजस्वला है, उसे प्रतिबंधित करना असंवैधानिक है। सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री से तो बैन हट गया लेकिन देश के कई ऐसे मंदिर है, जहां पर महिलाओं की एंट्री अभी भी बैन है। आइए, जानते हैं।
पद्मनाभस्वामी मंदिर
केरल के मशहूर पद्मनाभस्वामी मंदिर में भी महिलाओं के जाने पर पाबंदी है। पद्मनाभ मंदिर अपने खजाने को लेकर पहले भी काफी चर्चाओं में रहा है।
कार्तिकेय मंदिर
हरियाणा के पिहोवा में कार्तिकेय मंदिर मौजूद है। जहां भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर पाबंदी है।
घटई देवी
महाराष्ट्र के सतारा में घटई देवी मंदिर मौजूद है। अन्य मंदिरों की तरह यहां भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक है।
शिवलिंग शनिश्वर
सतारा में ही सोलह शिवलिंग शनिश्वर नाम से मशहूर मंदिर है। पूर्व में शनि शिंगणापुर जैसे यहां भी महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।
कामाख्या देवी
असम के बरपेटा में कीर्तन घर है। ये मां कामाख्या देवी मंदिर में मौजूद है। यहां भी एक निश्चित समय के लिए महिलाओं के प्रवेश पर रोक है।
माता मावली मंदिर
छत्तीसगढ़ के धमतरी से 5 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पुरूर में स्थित आदि शक्ति माता मावली के मंदिर की अनोखी परंपरा है। यहां मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है…Next
Read More :
1 सितम्बर से बदल जाएंगी ये 4 चीजें, परेशानी से बचने के लिए जान लीजिए
अटल नहीं रहे लेकिन अमर रहेगी उनकी साथ जुड़ी ये 6 घटनाएं
हिरोशिमा के बाद 9 अगस्त को अमेरिका ने नागासाकी को क्यों बनाया परमाणु बम का निशाना
Read Comments