भावी प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सलमान खुर्शीद और रॉबर्ट वाड्रा का एक तरह से बचाव करते हुए कहा है कि केजरीवाल एक दिन लोगों पर आरोप लगाते-लगाते थक जाएंगे और चुप हो जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर केजरीवाल इस तरह के आरोप लगाते हैं तो इसे नजरअंदाज कर देना चाहिए. मुलायम सिंह का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस के नेताओं और सगे संबंधियों पर समस्याओं के कई सारे पहाड़ टूट पड़े हैं.
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वैसे यह पहली बार नही हैं जब वह और उनकी पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस के समर्थन में केजरीवाल को झूठा करार दिया हो. इससे पहले उन्होंने बिखर चुकी टीम अन्ना को अपराधियों का अड्डा बताया था और सांसदों के अपमान के मुद्दे पर भी टीम अन्ना की जमकर निंदा की. इससे यह पता चलता है कि कांग्रेस के सहयोगियों में उनका स्थान कहां हैं. मुलायम का कांग्रेस प्रेम आज से नहीं है. यह तब से है जब वह उत्तर प्रदेश में मजबूत नेता के रूप में उभरे. उनका यही प्रेम उस समय अधिक उभर सामने आया जब 2008 में अमरीका के साथ परमाणु समझौते के मुद्दे पर वाम दलों ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार से अपना नाता तोड़ लिया था. वह बीच-बीच में कांग्रेस को शासन करने के तौर-तरीके पर नसीहत देते रहते लेकिन जब भी कांग्रेस को उनकी जरूरत पड़ती वह सभी तरह के मुद्दे को एक तरफ करके कांग्रेस के समर्थन में आगे आ जाते.
अगर हाल के दिनों की बात की जाए तो मुलायम सिंह कांग्रेस को समर्थन देने के मुद्दे पर उहापोह में दिखे. अब वह चाहे राष्ट्रपति का मुद्दा हो या फिर ममता बनर्जी का यूपीए से समर्थन वापस लेने का मुद्दा. उनकी भटकी हुई राजनीति एक नमूना तब देखने को मिला जब कांग्रेस की यूपीए सरकार ने हाल के दिनों एक साथ कई कड़े आर्थिक फैसले लिए जिसका मुलायम सहित देश की कई छोटी बड़ी पार्टियों ने विरोध किया लेकिन बाद में मुलायम सिंह ने यूपीए सरकार का समर्थन कर दिया. इस तरह से उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस के प्रति अपनी विश्वसनीयता जाहिर की. उनकी पार्टी एक तरफ तो एफडीआई और रसोई गैसे के के मुद्दे पर देशभर में आंदोलन करती है दूसरी तरफ सरकार को समर्थन कर जनता को धोखा भी देती है.
आज ऐसी स्थिति हो गई है कि मुलायम सिंह किसी भी हालत में कांग्रेस को नाराज नहीं करना चाहते. वह यूपीए सरकार की नीतियों का विरोध तो करते हैं लेकिन दबे जुबान से. क्योंकि उन्हें पता है अगर उन्होंने आवाज बुलंद की केंद्र सरकार उन पर सीबीआई की जांच लगवा सकती है. आपको बताते चलें मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला उच्चतम न्यायालय में चल रहा है. यही वजह भी रही कि अरविंद केजरीवाल ने खुर्शीद के मामले में डॉक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट में कथित अनियमितताओं की उत्तर प्रदेश सरकार की निष्पक्ष जांच को लेकर सवाल उठाए.
वैसे देखें तो मुलायम सिंह आज अरविंद को नजरअंदाज करने की बात कह रहे हैं लेकिन जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने आजकल राजनीति करने के लिए एक भंवर जाल बनाया है उसमें कहीं न कहीं आने वाले दिनों में मुलायम सिंह या फिर उनका परिवार आता दिख रहा है.
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