एक तरफ जहां पूरे देश में आम आदमी अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है उसी देश में केंद्र सरकार जनता के पैसे से एक ऐसे व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है जो स्वयं अपने निजी खर्चों पर सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं ले सकता है. यह मामला भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी से जुड़ा है.
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देश के सबसे बड़े न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को जेड श्रेणी की सुरक्षा देने पर केन्द्र सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा कि मुकेश अंबानी जैसे व्यक्तियों को सुरक्षा क्यों प्रदान की जा रही है जबकि आम आदमी खुद को इस देश में असुरक्षित महसूस कर रहा है. कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली के गांधी नगर इलाके में पांच साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि यदि राजधानी में समुचित सुरक्षा होती तो इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाया जा सकता था.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा है कि अमीर लोग अपने धन के बल पर निजी सुरक्षाकर्मियों की सेवाएं ले सकते हैं. जरूरत है उन लोगों की सुरक्षा करने की जो अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. इससे पहले विपक्ष ने भी अंबानी को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने के निर्णय की तीखी आलोचना की थी. जिसके जवाब में सरकार ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा था कि मुकेश अंबानी को खतरे की संभावना को परखने के आधार पर ही सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. क्योंकि निजी सुरक्षा के गार्डों के पास अत्याधुनिक हथियार नहीं होते हैं इसलिए सरकार ने यह सुरक्षा मुहैया कराने का निर्णय लिया था. विपक्ष के लगातार हमले के बाद सरकार ने सफाई दी कि मुकेश इस सुरक्षा का पूरा खर्च खुद उठाएंगे.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों उद्योगपति मुकेश अंबानी को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की धमकियां मिल रही थीं जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में सशस्त्र कमांडो दस्ता उपलब्ध कराने को मंजूरी दी थी. जिसके बाद से उद्योगपति मुकेश अंबानी ‘जेड श्रेणी’ की सुरक्षा प्राप्त करने वाले अतिविशिष्टि व्यक्तियों के क्लब में शामिल होने वाले नए सदस्य बने. शिंदे की हरी झंडी के बाद गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से अंबानी की सुरक्षा संभालने का आदेश दिया है. इसके बाद सीआरपीएफ ने उत्तर प्रदेश की बटालियन से 28 जवान बुला लिए थे.
‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत विशेष व्यक्ति को एक पायलट वाहन दिया जाता है. इस वाहन के आगे और पीछे अत्याधुनिक हथियारों से लैस सीआरपीएफ के कमांडो को लगाया जाता है. वैसे यह पहला मौका है जब सीआरपीएफ के जवान किसी निजी व्यक्ति को ठीक उसी तरह सुरक्षा दे रहे हैं जैसे वह जम्मू-कश्मीर और पंजाब में सरकारी सेवा से जुड़े लोगों को सुरक्षा देते हैं. अब देखने वाली बात यह है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के इन सवालों का जवाब कैसे देती है.
वैसे भारत में सुरक्षा के मद्देनजर विशिष्ट और अतिविशिष्ट व्यक्तियों को अलग-अलग स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाती है. इसमें चार श्रेणी हैं जेड प्लस, जेड, वाई, एक्स. जेड प्लस में व्यक्ति को सर्वोच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान की जाती है. इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वर्तमान और पूर्व जज, कैबिनेट मंत्री, गवर्नर और मुख्यमंत्री शामिल होते हैं.
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