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श्रम संगठनों का राष्ट्रव्यापी हड़ताल

strikeमंगलवार सुबह सरकार और श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता असफल हो जाने के बाद श्रम संगठनों की बुधवार से प्रस्तावित दो दिनों के भारत बंद का रास्ता करीब-करीब साफ हो गया है. ट्रेड यूनियनों ने कहा कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी की अध्यक्षता वाली समिति उन्हें कोई ठोस प्रस्ताव देने में विफल रही. उनकी जो मांग थी उसे स्वीकार नहीं किया. देश के श्रम संगठनों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए हड़ताल में भाग लेने का आह्वान किया है.



पुराने ढर्रे पर न चले भारतीय टीम


जिन श्रम संगठनों ने राष्ट्रव्यापी भारत बंद का आह्वान किया है उसमें शामिल हैं भारतीय मजदूर संघ, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, सेंटर फॉर इंडियन ट्रेड यूनियन, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, इंडिपेंडेंट फेडरेशन ऑफ वर्कर्स ऐंड एंप्लाइज, सभी बैंकों की यूनियनें. ऑटो, टैक्सी और प्राइवेट बसों की यूनियनें.


एक अनुमान के मुताबिक बुधवार को हो रही हड़ताल से करीब 20 हजार करोड रुपए का नुकसान होगा. देश की हर महत्वपूर्ण संस्थाओं पर इसका असर देखने को मिलेगा. इस हड़ताल का सीधा असर बैंकिंग, इंश्योरेंस, इनकम टैक्स, टेलिकॉम, पोस्टल, तेल और गैस सेक्टर के कामकाज पर पड़ेगा. कई राज्यों में इसका असर आम आदमी से जुड़ी कई चीजों पर पड़ने की उम्मीद की जा रही है.


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Tag: Bharat Bandh , air travellers, all-India strike, banking services, Mumbai, New Delhi, RBI, trade union strike, हड़ताल, बंद, देशव्यापी हड़ताल.


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