पहले भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे के आंदोलन के साथ जुड़ना उसके बाद गुपचुप तरीके से सरकार का समर्थन करने वाले टीम अन्ना के पूर्व सहयोगी स्वामी अग्निवेश ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में यह दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल चाहते थे जंतर-मंतर पर आमरण अनशन के दौरान अन्ना हजारे की मौत हो जाए. अग्निवेश ने अपने इस दावे से अरविंद केजरीवाल की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
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अग्निवेश ने अपने साक्षात्कार में कहा कि अप्रैल 2011 में जब जंतर-मंतर पर जन लोकपाल आंदोलन शुरू हुआ तब ‘मैं (अग्निवेश) अन्ना को आमरण अनशन पर बैठाने के खिलाफ था.जब मुझे पता चला कि अन्ना आमरण अनशन करने वाले हैं, तो मैंने अरविंद से सवाल किया था कि वह अन्ना जैसे बुजुर्ग को आमरण अनशन पर क्यों बैठा रहे हैं? इस पर अरविंद ने कहा कि उनका बलिदान हो जाता है तो इससे क्रांति आएगी. वह मर जाएंगे तो कोई बात नहीं, यह आंदोलन के लिए अच्छा रहेगा.”
साक्षात्कार में स्वामी अग्निवेश ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया कि केजरीवाल ने शुरू से ही अपने दिल में एक बहुत बड़ी महत्वाकांक्षा पाल रखी थी. उन्हें लगता था कि अन्ना की छवि का फायदा उठाकर वह लोगों में अपनी बड़ी इमेज बना सकते थे. आपको बता दें जब अरविंद केजरीवाल ने राजनीति में जाने की घोषणा की तभी से उन पर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को तोड़ने और महत्वाकांक्षी होने के आरोप लग रहे हैं.
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जिस तरह स्वामी अग्निवेश अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगा रहे हैं ऐसा लगता है जैसे वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जनांदोलन के बिखराव का फायदा उठाकर खराब हुई अपनी प्रतिष्ठा को वापस लाना चाहते हैं. गौरतलब है कि 2011 में अग्निवेश पर आंदोलनकारियों के साथ धोखा करने का आरोप लगा. एक वीडियो में अग्निवेश किसी कपिल जी से बात कर रहे थे और कहा जा रहा है कि फोन के दूसरी तरफ मौजूद कपिल असल में कपिल सिब्बल हैं. बातचीत से यह साफ है कि वे अन्ना के अनशन का विरोध कर रहे हैं और सरकार को नरम नहीं पड़ने की सलाह दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर डाले गए इस वीडियो की वजह से स्वामी अग्निवेश को आंदोलन से अलग हटना पड़ा.
वैसे भी स्वामी अग्निवेश का बयान ऐसे समय में आया है जब देश के कई राज्यों में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस लिहाज से अगर देखें तो स्वामी अग्निवेश का यह बयान कांग्रेस की तरफ से फेंकी गई राजनीतिक चाल है. ऐसा उन्होंने इसलिए किया होगा क्योंकि शायद उन्हें लग रहा होगा कि अरविंद की वजह से कहीं चुनाव में उसका समीकरण न बदल जाए.
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