2014 में लोकसभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार अपने उपर हो रहे किसी हमले को अब बहुत गंभीरता से लेगी. वह रामदेव और अन्ना टीम के आक्रमण से पहले ही उन पर वार कर देगी. ऐसा उन्होंने बाबा रामदेव के सबसे निकट सहयोगी और उनके दाएं हाथ माने जाने वाले आचार्य बालकृष्ण को हरिद्वार में गिरफ्तार करके दिखा भी दिया है. फर्जी पासपोर्ट मामले में उत्तराखंड पुलिस द्वारा शुक्रवार को आचार्य बालकृष्ण को गिरफ्तार किया गया जहां देहरादून के सीबीआई दफ्तर में उनसे घंटों पूछताछ की गई. गिरफ्तारी के समय रामदेव और बालकृष्ण के समर्थकों ने अपने आचार्य की गिरफ्तारी का विरोध किया.
बालकृष्ण पर आरोप
सीबीआई का आरोप है कि बालकृष्ण की डिग्री समेत उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी हैं. सीबीआई को शिकायत मिली थी वो नेपाल के नागरिक हैं और भारत में फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए पासपोर्ट बनवाया था. 1997 में बरेली में पासपोर्ट कार्यालय में बनावाए गए पासपोर्ट में पता हरिद्वार का लिखवाया गया है. खुर्जा बुलंदशहर के राधाकृष्ण संस्कृत कॉलेज से डिग्री लेना दिखाया गया था.
पहले भी लगा था आरोप
जून 2011 में रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन के दौरान पुलिस कार्रवाई के बाद बालकृष्ण पर फर्जी पासपोर्ट और डिग्री के आरोप लग रहे थे लेकिन उत्तराखंड हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह मामला आगे नहीं बढ़ा. आरोप है कि उत्तराखंड़ में सरकार बदलने के साथ और नौ अगस्त के आक्रमण को देखते हुए सरकार पूरी तरह से सतर्क हो चुकी थी इसलिए उसने अपने विरोधियों पर लगाम लगाने के लिए सीबीआई को जरिया बनाया.
देश में और भी फर्जी नागरिकता के मामले
सरकार बालकृष्ण के फर्जी नागरिकता को लेकर काफी रुचि दिखा रही है लेकिन उन्हें बाग्लादेश और नेपाल से हो रहे सैकड़ों फर्जी घुसपैठ नजर नहीं आ रही है. यही लोग देश के कोने-कोने में बसकर आगे जाकर देश की नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं. ऐसा लगता है कि यहां सरकार बालकृष्ण को गिरफ्तार करके 2014 के चुनाव में कोई झंझट न हो उसकी भनक दे रही है. बाबा रामदेव के समर्थक कह रहे हैं कि वह नहीं चाहती कि आने वाले समय में कांग्रेस के युवराज को प्रधानमंत्री बनने में कोई परेशानी न हो.
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