Menu
blogid : 314 postid : 778

नक्सलियों के सामने झुकी सरकार

बुधवार23 फरवरी की सुबह मलकानगिरि से अगवा इंजीनियर के लिए राहत की आस लेकर आई. चित्रकोंडा के तहसीलदार ने बुधवार को बताया कि अपहृत जूनियर इंजीनियर पवित्र माझी को माओवादियों ने छोड़ दिया है, वहीं मलकानगिरि जिले के जिलाधीश की रिहाई की प्रतीक्षा की जा रही है.


माओवादी विचारक वारवरा राव द्वारा मलकानगिरि जिले के जिलाधीश और एक जूनियर इंजीनियर की रिहाई का दावा किए जाने के एक दिन बाद नक्सलियों के मध्यस्थ ने कहा कि डीएम की वापसी की प्रक्रिया जारी है और वे जल्द ही रिहा कर दिए जाएंगे. माओवादियों के मध्यस्थ प्रो. जी हरगोपाल ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और मलकानगिरि के जिलाधीश आरवी कृष्णा जल्द घर लौट आएंगे.


माओवादियों ने पिछले काफी समय से अपनी बात मनवाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाने शुरु कर रखे हैं. किसी अहम व्यक्ति को अगवा कर उसके बदले अपने साथियों को रिहा करवाना हो या कोई बात मनवाना हो सब हो जाता है. माओवादियों के सामने इस सूरत में सरकार को झुकने के सिवाय कोई और रास्ता भी नहीं होता. इस बार भी माओवादियों के आगे सरकार झुक गई है.


नक्सलियों ने सरकार के सामने कुल 14 मांगें रखी थीं. इनमें से आठ पर सोमवार को ही सहमति बन गई थी. छह पर मंगलवार को बात बनी. नक्सलियों की मांगों में उनके प्रमुख नेताओं को छोड़ने के अलावा पकड़े गए 700 आदिवासियों को छोड़ने, मलकानगिरी और कोरापुट से बीएसएफ और सीआरपीएफ को हटाने की मांग प्रमुख थी.


एक नजर में तो हम इस बात की आलोचना कर सकते हैं कि सरकार इन माओवादियों के आगे हमेशा झुक जाती है पर सिक्के के दूसरे पहलू पर जहां कुछ निर्दोषों की जान पर बात होती है वहां यह सही भी लगता है. सरकार को माओवादियों के अस्तित्व को पूरी तरह खत्म करने के लिए कोई प्रभावी मसौदा बनाना होगा ताकि देश की सुरक्षा को इन दीमकों से बचाया जा सके.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh