गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर एक ऐसे नेता पर निशाना मारा जो राष्ट्रीय स्तर पर खबरों में रहते हैं. केजरीवाल ने इस बार भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता गुजरात के मुख्यमंत्री को निशाना बनाया है. केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर कांग्रेस के साथ मिलकर गुजरात को लूटने के आरोप लगाए हैं. केजरीवाल का यह आरोप अपनी पार्टी नामकरण के बाद पहला आरोप है.
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उन्होंने कहा कि मोदी का बिजली उत्पादक कंपनी अदानी ग्रुप से साथ गहरी सांठगांठ है. नरेन्द्र मोदी कई मौकों पर अदानी ग्रुप को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया. पिछले दिनों कोयले की कालिख से जिस तरह से देश के कई बड़े नेताओं का मुख काला हुआ उसमें नरेंद्र मोदी भी नहीं बच पाए. अरविंद ने आरोप लगाया कि ‘गुजरात सरकार ने कोयला खदानें तो फ्री में मुहैया करा दीं, लेकिन बदले में 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से अदानी ग्रुप से बिजली खरीदी. इस तरह से सरकार को बड़ा घाटा हुआ. अदानी ग्रुप गुजरात सरकार की महरबानी यही नहीं रूकी, मोदी ने इस कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए महंगी जमीन को सस्ते में भी दिया.
इससे पहले केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी बड़े घोटाले के आरोप लगाए थे. हाल ही में केजरीवाल ने दावा किया था कि मुंबई में 26/11 हमले के दौरान ऑपरेशन में भाग लेने वाले एनएसजी कमांडो दयनीय जीवन जीने को मजबूर हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि उनमें से कुछ कमांडो बिना पेंशन और मेडिकल सुविधा के नौकरी से हटा दिए गए.
वैसे जिस तरह से आरोपों का पिटारा अरविंद केजरीवाल मीडिया के सामने लेकर आते हैं इससे उनकी राजनीति कितनी सधेगी यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन यह जरूर है अरविंद के इस आरोप के बाद बीजेपी खासकर मोदी की राजनीति पर असर जरूर पड़ेगा. वैसे जानकार मानते हैं कि जो मोदी के चाहने वाले हैं उन पर अरविंद के इस आरोप से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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क्या भाजपा भी अरविंद से डरी हुई है ?
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