राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता ऋतुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) का आज (गुरुवार) सुबह दिल का दौरा पड़ने से करीब साढ़े सात बजे कोलकाता में निधन हो गया. वो 49 वर्ष के थे. माना जाता है कि ऋतुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) पिछले कई दिनों से पाचन तंत्र की समस्या से परेशान थे.
कुल 12 नेशनल अवॉर्ड जीत चुके ऋतुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) को पिछले साल ‘अबोहोमन’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल हुआ था. वो इस समय व्योमकेश बख्शी नाम की फिल्म बना रहे थे. व्योमकेश बख्शी एक जासूसी चरित्र है जिस पर धारावाहिक भी बनाया जा चुका है.
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ऋतुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) की अंतिम फिल्म 31 अगस्त, 2012 को उनके जन्मदिन पर उन्हीं के द्वारा निर्देशित चित्रांगदा (Chitrangada) रिलीज हुई थी. यह एक तरह की बोल्ड फिल्म है जिसमें कई तरह के अंतरंग सीन हैं. यह फिल्म रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रमुख कृति की समकालीन व्याख्या पर आधारित है. निर्देशक ऋतुपर्णो घोष खुद को समलैंगिक मानते थे और अपनी सेक्शुएलिटी को लेकर वो काफी सहज भी थे. उनको देखकर भी लगता था कि वह अपनी इस जिंदगी से काफी खुश थे.
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