लद गए वह दिन जब लोग कहते थे कि बिहार विकास की रेस में पिछड़े घोड़े की तरह है. वह समय पुराना हो गया जब लोग बिहार को एक गरीब और बेहद पिछड़ा हुआ राज्य कहते थे. अब समय बदल गया है. अब बिहार भी विकास की राह पर बढ़ चला है. नीतीश कुमार ने राज्य में सुशासन की नई नींव डाली है. धीमा ही सही अब यह राज्य भी अन्य राज्यों की तरह तरक्की कर रहा है.
कभी पिछड़ेपन का शिकार बिहार आज विकास की दौड़ में सबसे आगे निकल गया है, वहीं उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे पिछड़ गया है. गुजरात फिर टॉप 5 में जगह नहीं बना सका है. टॉप 5 राज्यों में बिहार के बाद क्रमश: दिल्ली, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़ और गोवा हैं.
सांख्यिकीय मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 13.1 फीसदी के साथ बिहार लगातार दूसरे साल सबसे तेज विकास दर हासिल करने वाला राज्य बना है. चार साल पहले पहली बार बिहार की विकास दर डबल डिजिट में पहुंची थी. बिहार की अर्थव्यवस्था अब पंजाब से भी ज्यादा बड़ी हो गई है. पंजाब इस समय बिहार से पलायन करने वालों की सबसे पसंदीदा जगह है.
यही है सही तस्वीर
बिहार को विकास की राह पर इस तेजी से चलते हुए देखकर अक्सर लोग कहते हैं कि जनाब यह तो सिर्फ आंकड़ों का खेल है जमीनी हकीकत तो कुछ और है. लेकिन इस बार के आंकड़े सिर्फ कागजी नहीं हकीकत भी हैं. कुछेक मुद्दों को छोड़ दिया जाए तो आप देखेंगे कि बिहार बदल गया है. अब नए दौर का समय है. बिहार से लगातार बढ़ी संख्या में आईआईटी और आईएएस की परीक्षा में पास होने वाले विद्यार्थी इस बात का सबूत हैं कि किस तरह बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति हुई है. बिहार से पलायन करने वालों की संख्या में कमी इस तरफ इशारा कर रही है कि अब बिहार में भी रोजगार के मौके आने लगे हैं. इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी बिहार आगे बढ़ रहा है.
टॉप 5 राज्य: विकास(प्रतिशत में)
बिहार: 13.1
दिल्ली: 11.3
पुडुचेरी: 11.0
छतीसगढ़: 10.8
गोवा: 10.7
पिछड़े: विकास(प्रतिशत में)
अंडमान: 0.7
अरुणाचल: 3.7
नागालैंड:3.9
पंजाब: 5.8
उत्तर प्रदेश: 6.2
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