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आज ‘ममता’ करेंगी ‘मनमोहन’ का फैसला

mamata banerjeeएफ़डीआई और डीजल की कीमतों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल चुके तृणमूल कांग्रेस के मंत्री आज प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इस्तीफ़ा सौंप सकते हैं. ममता की पार्टी से इस्तीफ़ा देने वालों में रेल मंत्री मुकुल रॉय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री सुदीप बंद्योपाध्याय, पर्यटन राज्यमंत्री सुल्तान अहमद, शहरी विकास राज्य मंत्री सौगत रॉय, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री सीएम जटुआ और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री शिशिर अधिकारी शामिल होंगे.


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एक बयान में ममता बनर्जी ने कहा था कि यदि केंद्र सरकार खुदरा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश के फैसले को वापस लेती है, प्रति वर्ष प्रत्येक परिवार के मिलने वाले गैस के सिलिंडरों की संख्या 6 से 12 तक बढ़ाती है और डीजल की कीमतों को नियंत्रण में लाती है तो वे समर्थन वापस लेने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती हैं.


हालांकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के दूसरे सबसे बड़े घटक दल तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापसी के बाद भी सरकार अपने बहुमत को लेकर आश्वस्त दिख रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने दावा किया है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास कल भी पर्याप्त संख्या में मित्र थे, हमारे पास आज भी पर्याप्त संख्या में मित्र हैं.


तृणमूल के समर्थन वापस लेने के बाद संप्रग सरकार के पास लोकसभा में 254 सांसदों का समर्थन ही रह जाएगा लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सरकार का समर्थन करने वालों की संख्या की कोई कमी नहीं है. समर्थन करने वालों में सबसे आगे जो नाम आ रहा है वह समाजवादी पार्टी है जिसके पास 22 सदस्य हैं. समजावादी पार्टी ने पहले भी 2008 में परमाणु उर्जा के मुद्दे पर लेफ्ट द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद सरकार को गिरने से बचाया था. इसके अलावा सरकार को समर्थन देने वालों में बहुजन समाजवादी पार्टी का नाम आ रहा है. सरकार को 545 सदस्यों वाले सदन में सामान्य बहुमत के लिए कम से कम 273 सांसदों की जरूरत है.

तृणमूल कांग्रेस.


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