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आज का वातावरण इतना प्रदूषित होता जा रहा है कि लोग देशहित को अनदेखा कर केवल राजनीतिक हित में लगे हुए हैं। अब चाहे उससे नुकसान हो या फायदा, इसकी परवाह कोई भी करने को तैयार नहीं। जिस तरह अमरनाथ यात्रियों से भरी बस पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई, यह पूरे भारत के लिए दुःखद घटना थी, फिर भी इस घटना पर अंगुली उठाने वाले लोग राजनीति करने से गुरेज नहीं कर रहे।
आम आदमी पार्टी विधायक अलका लांबा ने जिस प्रकार से इस घटना पर सन्देह व्यक्त किया, यह अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है। अलका लंबा देश में हो रही घटिया राजनीति में हाथ धोने में पीछे नहीं रहने वाली थी, इसलिए उन्होंने सवाल खड़ा कर दिया कि गुजरात की बस, मरने वाले गुजराती, काफिले से अलग चलने वाली बस। इसका मतलब क्या है?
अलका इन्हीं सवालों को आधार बनाकर मोदी पर निशाना साध रही थीं, उन्हीं को लक्ष्य बना रही हैं कि कहीं मोदी की साजिश तो नहीं। अलका लांबा को इस घटना में भी राजनीति आ रही है। ऐसी राजनीति से क्या फायदा, जिसमें झूठ ही नजर आ रहे हों। खैर, आप विधायकों का पहले भी इतिहास रहा है, जिसमें उनको सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मामले में भी शक हो गया था और उसके सबूत मांगे गए थे। मगर अब लोग राष्ट्रहित को बिल्कुल त्याग करके घटिया राजनीति में रुचि लेने लगे हैं।
भारत व चीन के बीच स्थिति तनावपूर्ण बनी है, वहीं राहुल गांधी चीनी राजदूत से दोस्ती करने में लगे हैं। आज देश में सबसे बड़ा सवाल यही है कि देश के राजनेता राष्ट्रहित की अनदेखी करके घटिया स्तर की राजनीति क्यों कर रहे हैं।
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