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देश की राजधानी में जब आम आदमी पार्टी का राजनीति के क्षेत्र में पदार्पण हुआ तो सिर्फ इसी आधार पर हुआ था कि यह ऐसी पार्टी होगी, जिसका व्यवहार और आचरण एक आम आदमी की तरह होगा लेकिन कालांतर ने इस आम आदमी पार्टी को इतना असभ्य बना देगा इसकी कल्पना करना भी सही मायने में सही नहीं है, इस पार्टी के विधायकों को जब इतना भी दिमाग नहीं है कि वे क्या करने जा रहे है? आश्चर्य कि बात है कि एक प्रशासनिक अधिकारी को किस उद्देश्य से रात के 12 बजे तलब किया जाता है और उसके साथ मारपीट की जाती है यह इस पार्टी के द्वारा किया गया बहुत ही घिनौना अपराध है जो नहीं करना चाहिए। वह भी ऐसे मुख्यमंत्री के प्रदेश जो नैतिकता की दुहाई देता फिरता है, एक प्रशासनिक अधिकारी को रात में बुलाकर प्रताड़ित करना बहुत ही निंदनीय है एवं यह कहीं से भी एक आम आदमी का कार्य का संकेत नहीं देता। एक आम आदमी की तरह राजनीति में प्रवेश करने का मतलब बताने वाले आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बनने के पहले स्वच्छ सरकार, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया था लेकिन सत्तासीन होने के बाद से ही आम आदमी पार्टी ने न तो भ्रष्टाचार का त्याग किया और न ही आम आदमी होने का कहीं से प्रमाण दिया। अन्य पार्टियों की तरह ही ये पार्टी भी उसी लीक को पकड़ कर चलना मुनासिब समझ रही है जिस पर अन्य पार्टियां चलती है, बल्कि अगर सच्चाई से देखा जाय तो उनसे भी एक कदम आगे चलने की कोशिश कर रही है। सोचने वाली बात है कि जब एक आम आदमी होकर मुख्य सचिव के साथ हाथापाई कर सकता है तो जो लोग बाहुबली टाइप के है उनकी क्या दशा होंगी, क्योंकि बाहुबली लोगों के पास पूरी एक जमात होती है तो ऐसे लोग क्या नहीं कर सकते? इस आम आदमी पार्टी के विधायक इतने अमर्यादित हो गए है कि वे मुख्य सचिव से मारपीट करने में भी बिल्कुल नहीं झिझकते। नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किस स्तर तक अनैतिक हो सकते है इसका उदाहरण इस घटना से समझा जा सकता है, इस आम आदमी पार्टी को अपने बताएं रास्ते पर ही चलकर ही राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए न कि अमर्यादित रास्ते पर चलकर बदनामी की चादर ओढ़ कर सरकार चलाना चाहिए। *****************************************नीरज कुमार पाठक आईसीएआई नोएडा
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