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आज के समय में भ्रष्टाचार का रूप तकरीबन हर क्षेत्र में तेजी से फैलता जा रहा है जो हमारे समाज के लिए कहीं न कहीं खतरे पैदा कर रहा है इस भ्रष्टाचार के कारण बहुत ही नुकसान होता है, इसलिए इसको रोकना भी बहुत जरूरी है और इसी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निरंतर प्रयास हो भी रहे है सुप्रीम कोर्ट इस दिशा में लगा हुआ है। आज सुप्रीम कोर्ट तेजी से न सही परन्तु धीरे-धीरे ही सही, सुधारने में लगा हुआ है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट सुधारने के क्रम में रफ्तार देने में लगा हुआ है और भ्रष्टाचार का हर रास्ता बंद करने की कोशिश कर रहा है। चुनावी प्रक्रिया में अगर देखा जाय तो भारी पैमाने पर काले धंधे का खेल खेला जाता है, जिसको भी अगर अपनी काली कमाई को छुपाना है तो उसके लिए राजनीतिक क्षेत्र सबसे बढ़िया क्षेत्र कहा जा सकता है, लेकिन इस पर न्यायालय ने लगाम लगाने के लिए ठान रक्खा है जिसके लिए समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट कुछ न कुछ कड़ा नियम बनाता ही रहता है। आज के समय में सुप्रीम कोर्ट का चुनाव प्रक्रिया के सुधारने के क्रम में ही यह बहुत ही बढ़िया फ़ैसला है जिससे उम्मीदवार लोगो को सम्पति छुपाने की जगह नहीं मिलेगी, नए नियम से कोई भी उम्मीदवार जब नामांकन करेगा तो उसको अपने साथ अपनी पत्नी और सहयोगियों के सम्पति का पूर्ण विवरण देना होगा, क्योकिं अक्सर राजनेता लोग अपनी सम्पत्ति को सही तरीके से न दिखाकर जनता को धोखे में रखते है। अपने पूरी सम्पति का कुछ प्रतिशत ही नामांकन करते समय दिखाते है बाकी कि सम्पति पत्नी या अपने विश्वसनीय लोगों के खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है जिसका कोई भी विवरण नहीं होता और काले कुबेर लोग अपनी सम्पति को छुपाने में कामयाब हो जाते है जिस पर किसी भी प्रकार से लगाम नहीं लग पाता, इस कानून के बनने से इस अवैध सम्पति को रोका जा सकता है इसी वजह से सुप्रीमकोर्ट को इस चुनावी भ्रष्टता को रोकने के लिए ही ऐसा आदेश लाना पड़ा, अब इस चुनावी भ्रष्टता को रोकने में काफी हद तक सफलता मिलनी चाहिए, लेकिन तब जब सभी लोग इसको ईमानदारी से लागू करें, क्योकिं बेईमानी का कोई रास्ता नहीं होता, इसमें जिधर से मन हो आप जा सकते हो। *****************************************नीरज कुमार पाठक आईसीएआई नोएडा
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