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प्रश्नपत्रों की भंग होती गोपनीयता

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परीक्षा कोई भी हो अगर उसमें गोपनीयता नहीं रह गयी तो फिर उसका कोई  महत्व नहीं रह जाता क्योकि अगर परीक्षा है तो उसमें गोपनीयता नितांत आवश्यक है। अगर गोपनीयता नही रही तो उस परीक्षा का कोई मतलब ही नहीं रह जाता । परीक्षा आज के समय में छात्र का मानसिक आकलन कर देता है जिससे कि बच्चे के भविष्य का निर्धारण करने में बल मिलता है एवं उसकी मानसिक सुबुद्धि की जांच भी हो जाती है।           अगर यह कहा जाय कि जीवन और परीक्षा दोनों का ही कोई भरोसा नहीं रह गया है। कब जीवन समाप्त हो जाये और कब प्रश्नपत्र की गोपनीयता भंग हो जाये। आज के समय में जो भी परीक्षाएं आयोजित की जा रही है चाहे वह प्रतियोगी परीक्षा हो या फिर शैक्षिक योग्यता की परीक्षा हो सब का कोई विश्वास नहीं रह गया है कि कब पेपर लीक हो जाये। आज मनुष्य की जिंदगी में भी ऐसे दौर आते है जब अचानक ही हृदय गति बंद हो जाती हैं और इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है  जिसमें अच्छे से अच्छा आदमी भी मिनट में धराशायी हो जाता है। ठीक इसी प्रकार से आज परीक्षाओं की गुणवत्ता बिल्कुल ही नही  रह गयी है ये बताना बड़ा मुश्किल है कि कौन-सा पेपर कब लीक हो जाएगा। दिक्कत पेपर लीक होने की नहीं है सबसे बड़ी दिक्कत उस परीक्षा बोर्ड के लिए जिसके माध्यम से परीक्षा आयोजित की जाती है उससे भी ज्यादा समस्या उन बच्चों की है जो उस परीक्षा में पेपर देने की तैयारी में रहते है या फिर परीक्षा दे चुके हो, उस समय अगर पेपर लीक की सूचना मिलती है तो उस बच्चे की मनोस्थिति को समझा जा सकता है।                                                    जब कोई भी परीक्षार्थी कड़े परिश्रम से पेपर देने की तैयारी में हो और उसको जब सूचना मिलती है कि पेपर लीक हो गया है तो वह दुःखी हो जाता है और उसके पास प्रशासन को कोसने के अलावा कुछ भी नहीं बचता। प्रशासन को जब भी सूचना मिलती है कि पेपर लीक हो गया है तो वह दोबारा पेपर कर करवाने की घोषणा कर देता है या फिर उसकी जांच करवाने की, लेकिन यह समस्या का हल कतई नहीं हो सकता। आज सबसे बड़ा सवाल यही सबके सामने  है कि कैसे पेपर लीक हो जाता है  इसके पीछे  किन शक्तियों का हाथ होता है जो पेपर की गोपनीयता को भंग करने का साहस हो जाता है। आज इसमें भी माफियाओं की घुसपैठ हो गयी है जो पैसे लेकर धड़ल्ले से पेपर को लीक करवाने में लगे हुए है।                     *****************************************नीरज कुमार पाठक      आईसीएआई    नोएडा

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